कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बुधवार को सवाल किया कि यह तय करने का सरकार का मापदंड क्या है कि लॉकडाउन (Lockdown 3.0) कितने लंबे समय तक जारी रहेगा. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के मुताबिक सोनिया ने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में कहा, ‘‘17 मई के बाद क्या? 17 मई के बाद कैसे होगा? भारत सरकार यह तय करने के लिए कौन सा मापदंड अपना रही है कि लॉकडाउन कितना लंबा चलेगा.’’ बैठक में उनकी बात का समर्थन करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘जैसा कि सोनिया जी ने कहा है कि हमें यह जानने की जरूरत है कि लॉकडाउन -3 के बाद क्या होगा?’’
यह भी पढ़ें : बड़ी खबर : भारत के वैज्ञानिकों का कमाल, खोज ली कोरोना वायरस की दवा
किसानों को लेकर सोनिया ने कहा, ‘‘हम अपने किसानों खासकर पंजाब और हरियाणा के किसानों का धन्यवाद करते हैं कि जिन्होंने तमाम दिक्कतों के बावजूद गेंहू की शानदार उपज पैदा करते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है.’’ सुरजेवाला के अनुसार बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता तब तक राज्य और देश कैसे चलेगा? हमें 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है. राज्यों ने प्रधानमंत्री से पैकेज के लिए लगातार आग्रह किया है, लेकिन हमें अब तक भारत सरकार से कुछ नहीं पता चला.’’
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा, 'जैसा कि सोनिया जी कह रही हैं कि लॉकडाउन 3.0 के बाद क्या? हम भी जानना चाहते हैं कि सरकार के पास आगे का क्या प्लान है. लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति के बारे में मुख्यमंत्रियों को पता होनी चाहिए.'
यह भी पढ़ें : अब केजरीवाल सरकार ने भी दिया कर्मचारियों को बड़ा झटका, लिया यह बड़ा फैसला
राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और पुदुचेरी के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में केंद्र से राहत पैकेज की मांग दोहराई. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत बोले- 'जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता, तबतक राज्य और देश कैसे चलेंगे? हमने 10 हजार करोड़ का राजस्व खो दिया है. राज्यों ने पैकेज के लिए बार-बार प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है लेकिन हमारी बात को अनसुना कर दिया गया है.'
जोनों के वर्गीकरण पर आपत्ति जताते हुए पुदुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी ने कहा,'बिना राज्य सरकारों की सलाह के भारत सरकार जोनों का वर्गीकरण कर रही है. दिल्ली में बैठे लोग राज्यों की हालत को नहीं बता सकते हैं. जोन बंटवारे में किसी भी राज्य या मुख्यमंत्री से परामर्श नहीं किया जा रहा है.
Source : Bhasha