कांग्रेस के अंदर काफी वक्त से चली आ रही कलह को खत्म करने के लिए पार्टी ने कवायद शुरू कर दी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार यानी कल पार्टी के शीर्ष नेताओं की अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक के लिए उन नेताओं को भी न्योता दिया गया है, जिन्होंने हाल ही में चिट्ठी लिखकर कांग्रेस में स्थायी अध्यक्ष समेत संगठन के चुनाव कर बदलाव करने की मांग की थी. संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सोनिया गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर सकती हैं.
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सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी के साथ इन नेताओं की मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है और 19 दिसंबर की इस प्रस्तावित बैठक में वह भी शामिल होंगे. बताते चलें कि कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले ही सोनिया से मुलाकात की थी. कहा जा रहा है कि उस मुलाकात में कमलनाथ ने सोनिया गांधी को नाराज चल रहे पार्टी नेताओं से खुद बात करने की सलाह दी थी, ऐसा इसलिए कि ये सभी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनका अपना राजनीतिक कद है. पत्र लिखने वाले नेताओं में शामिल एक नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में इसकी पुष्टि की है कि उन्हें सोनिया से मुलाकात के लिए बुलाया गया है.
उधर, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया से कुछ ऐसे नेता भी मिल सकते हैं, जो लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं. हालांकि वे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल नहीं हैं. मुलाकात के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के उपस्थित रहने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, हालांकि इस ताजा घटनाक्रम में प्रियंका की भी अहम भूमिका मानी जा रही है. सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुलह की गुंजाइश बढ़ सकती है.
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उल्लेखनीय है कि गत अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी. इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया. कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की.
इतना ही नहीं, बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की भी खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी. इसके बाद वे फिर से कांग्रेस कई नेताओं के निशाने पर आ गए थे. ऐसे में सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर शनिवार को होने वाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
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अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि नाराज पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मनाने के साथ साथ सोनिया गांधी की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चर्चा हो सकती है. राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए तैयार नहीं हो सके तो ऐसे में गांधी परिवार के किसी वफादार को अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी जाए, इसे लेकर बैठक में मंथन किया जा सकता है. इसके अलावा सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का निधन हो चुका है, ऐसे में उन्हें भी अपना एक सेनापति चुनने की जरूरत है, जो पार्टी के वरिष्ठ और युवा नेताओं में संतुलन बना सके.
Source : News Nation Bureau