सोनिया गांधी बोलीं- सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत का वायरस फैला रही BJP

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में सोनिया ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में ही 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए और ऐसे में लोगों की मदद के लिए उनके खातों में 7500 रुपये भेजे जाने चाहिए.

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Deepak Pandey
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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी( Photo Credit : फाइल फोटो)

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि जब देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ सभी को एकजुट होने की जरूरत है तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत का वायरस फैलाने में लगी हुई है. उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए आंशिक कदम उठाने का दावा करते हुए यह भी कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) और किसानों की मदद के लिए तत्काल राहत की घोषणा की जाए. कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में सोनिया ने कहा कि लॉकडाउन के पहले चरण में ही 12 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए और ऐसे में लोगों की मदद के लिए उनके खातों में 7500 रुपये भेजे जाने चाहिए.

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भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया,  मैं आप लोगों के साथ वो बात साझा करना चाहती हूं जिसको लेकर हम सभी भारतीय नागरिकों को चिंता करनी चाहिए. जब हमें कारोना वायरस का एकजुट होकर मुकाबला करने चाहिए तो भाजपा सांप्रदायिक पूर्वाग्रह और नफरत का वायरस फैलाने में लगी हुई है. उन्होंने कहा, हमारे सामाजिक सौहार्द को बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है. हमारी पार्टी और हमें इस नुकसान की भरपाई के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. सोनिया ने कहा,  कोरोना महामारी ज्यादा फैल गई है जो परेशान करने वाली बात है.

समाज के हमारे कुछ वर्गों खासकर किसानों, मजदूरों, प्रवासी कामगारों, निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा है. उनके मुताबिक वाणिज्य एवं उद्योग और व्यापार पूरी तरह से रुक गया है और करोड़ों लोगों की जीविका का साधन छिन गया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र की तरफ से अभी आंशिक कदम उठाए गए हैं. जो करुणा, बड़ा दिल और सजगता दिखनी चाहिए थी उसका अभाव है.

सोनिया गांधी ने कहा, हमने प्रधानमंत्री से बार बार आग्रह किया है कि कोरोना वायरस की जांच करने, मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उन्हें पृथकवास में रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि जांच अभी भी बहुत कम हो रही हैं और जांच किट की आपूर्ति भी कम है और जो उपलब्ध हैं वो भी अच्छी गुणवत्ता वाली नहीं है. उन्होंने यह दावा भी किया कि पीपीई किट की संख्या कम और गुणवत्ता खराब है.

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सोनिया ने कहा, किसान गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. उपज की खरीद की कमजोर और अस्पष्ट नीतियों और बाधित आपूर्ति के मुद्दों का अविलंब समाधान करने की जरूरत है. खरीफ की फसल के लिए किसानों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा, लॉकडाउन के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों का रोजगार खत्म हो गया है. बेरोजगारी आगे बढ़ सकती है क्योंकि आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं. ऐसे में हर परिवार को 7500 हजार रुपये प्रदान करने की जरूरत है.

सोनिया ने सरकार से आग्रह किया, एमएसएमई क्षेत्र से करीब 11 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं. वे हमारी जीडीपी में एक तिहाई का योगदान देते हैं. अगर उन्हें आर्थिक बर्बादी से बचाना है तो उनके लिए तत्काल विशेष पैकेज की घोषणा करनी होगी. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों, नर्सों, अन्य स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और जरूरी सेवाएं मुहैया करा रहे लोगों तथा जरूरतमंदों की मदद कर रहे लोगों को सलाम करना चाहिए. सोनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार को रचनात्मक सहयोग देते रहने को प्रतिबद्ध है.

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