यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से गुरुवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. नामांकन से पहले उन्होंने स्थानीय कांग्रेस मुख्यालय में हवन-पूजन किया. इस दौरान उनके साथ उनके बेटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रॉबर्ट वाड्रा समेत पूरा परिवार मौजूद रहा. सोनिया गांधी ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले रायबरेली में एक रोड शो भी किया. नामांकन के बाद सोनिया ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'साल 2004 में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का शाइनिंग इंडिया कैंपेन जोरों पर था, लेकिन नतीजा सब ने देखा था.' हम एक बार फिर वही दोहराने जा रहे हैं.
इस रोड शो में भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे. इस दौरान कार्यकर्ता अपने हाथों में नीले और काले झंडे भी लेकर आए थे. नीले झंडों पर नारा लिखा था 'गरीबी पर वार 72 हजार' इसके अलावा काले झंडों पर राफेल मामले की तस्वीरें छपी थी जिसे दिखाकर कांग्रेस कार्यकर्ता अपना जोश दिखा रहे थे. लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण के मतदान के साथ ही रायबरेली में भी 6 मई को मतदान होंगे. वहीं रायबरेली की लोकसभा सीट से बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि सपा और बसपा ने कांग्रेस का मौन समर्थन करते हुए अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं.
Four time MP from Rae Bareli, UPA Chairperson Smt. Sonia Gandhi files her nomination for the 2019 Lok Sabha elections. #SoniaGandhiRaeBareli pic.twitter.com/Yjl3TxOsHm
— Congress (@INCIndia) April 11, 2019
एक जुट दिखा गांधी परिवार
रायबरेली में सोनिया गांधी के रोड शो के बाद नामांकन के दौरान पूरी गांधी फैमिली एकसाथ थी. इसके पहले अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन के दौरान गांधी परिवार की एकता दिखी. यहां नामांकन के वक्त राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका गांधी और उनका बेटा रेहान मौजूद रहा.
सोनिया गांधी ने पांचवीं बार भरा रायबरेली से पर्चा
अबकी बार यूपीए अध्यक्ष सोनिया का रायबरेली में पांचवां चुनाव है, इसीलिए कांग्रेस ने चुनावी मैदान में नया नारा दिया है. कांग्रेस कार्यकर्ता 'इस बार 5 लाख पार' नारे के का उद्घोष करते हुए मैदान में उतरे थे. रायबेरली से 1952 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने जीत हासिल कर कांग्रेस का खाता खोला था. ये सिलसिला अब तक बना रहा है, इस सीट से कांग्रेस अबतक महज तीन बार ही शिकस्त झेली है जिनमें गांधी परिवार का कोई सदस्य मैदान में नहीं उतरा था.