नेशनल हेराल्ड अखबार (National Herald case) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money laundering) मामले में पेश होने के दूसरे दिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. उन्हें बुधवार को यानी 27 जुलाई को फिर पेश होने को कहा गया है. एएनआई के हवाले से सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष से उनके बेटे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरह ही पूछताछ की गई. ईडी (ED) ने दो दिनों में उनसे अब तक 55 सवाल पूछे हैं.
गांधी शाम 7 बजे से कुछ मिनट पहले जांच एजेंसी के कार्यालय से निकल गए. ईडी ने उनका बयान दर्ज किया था. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन (Ajay Makan) ने कहा, कल भी हम देश भर में अपना 'सत्याग्रह' जारी रखेंगे और लोगों के मुद्दों को उठाएंगे. दिल्ली में हम अपने केंद्रीय कार्यालय में विरोध करेंगे.
सोनिया गांधी अपने Z+ सशस्त्र सुरक्षा कवर के साथ और अपने बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ मध्य दिल्ली में ईडी कार्यालय में लगभग 11 बजे पहुंचीं. जबकि प्रियंका गांधी ईडी कार्यालय में रुकी थीं, राहुल गांधी इसके तुरंत बाद चले गए. अधिकारियों ने कहा कि प्रियंका गांधी ईडी कार्यालय के दूसरे कमरे में थीं, ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी मां से मिल सकें और उन्हें दवाएं या चिकित्सा सहायता मुहैया करा सकें. कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष दोपहर करीब दो बजे ईडी कार्यालय से दोपहर के भोजन के लिए निकले और करीब साढ़े तीन बजे लौट आए. 75 वर्षीय कांग्रेस अध्यक्ष के बयानों की पूछताछ और रिकॉर्डिंग प्रारंभिक औपचारिकताओं के बाद सुबह 11:15 बजे शुरू हुई, जिसमें समन का सत्यापन और उपस्थिति पत्र पर हस्ताक्षर करना शामिल था. 21 जुलाई को उससे दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई जब उसने एजेंसी द्वारा पूछे गए 28 सवालों के जवाब दिए. समझा जाता है कि रायबरेली से लोकसभा सांसद सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में जांच के दायरे में आने वाली कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के साथ उनकी संलिप्तता के बारे में सवाल पूछे गए.ईडी सोनिया के बयान का मिलान उनके बेटे राहुल गांधी के बयान से करेगी क्योंकि दोनों यंग इंडियन में बहुसंख्यक हितधारक हैं.
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कांग्रेस ने अपने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई की निंदा की और इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया. एजेंसी ने पिछले महीने राहुल से पांच दिनों में 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. ED द्वारा पिछले साल के अंत में धन शोधन निवारण अधिनियम के आपराधिक प्रावधानों के तहत एक नया मामला दर्ज करने के बाद गांधी परिवार से पूछताछ करने का कदम उठाया गया था. वर्ष 2013 में बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन के खिलाफ यहां की एक निचली अदालत ने आयकर विभाग की जांच पर संज्ञान लिया था.सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और अधिक शेयरधारकों में से हैं. उनके बेटे की तरह कांग्रेस अध्यक्ष के पास भी 38 फीसदी हिस्सेदारी है. स्वामी ने गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी और धन का दुरुपयोग करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था, जिसमें यंग इंडियन ने कांग्रेस को 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया था. पिछले साल फरवरी में दिल्ली उच्च न्यायालय ने गांधी परिवार को नोटिस जारी कर स्वामी की याचिका पर जवाब मांगा था. ईडी ने अप्रैल में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से इस मामले में पूछताछ की थी.
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कांग्रेस ने कहा है कि कोई गलत काम नहीं किया गया है और यंग इंडियन कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत स्थापित एक "गैर-लाभकारी" कंपनी है और इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग का कोई सवाल ही नहीं हो सकता है. समझा जाता है कि ईडी के समक्ष अपने बयान के दौरान राहुल गांधी इस बात पर अड़े रहे कि खुद या उनके परिवार ने संपत्ति का कोई निजी अधिग्रहण नहीं किया था. ईडी के अनुसार, लगभग 800 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेएल के पास है और एजेंसी गांधी परिवार से जानना चाहती है कि यंग इंडियन जैसी गैर-लाभकारी कंपनी अपनी जमीन और भवन संपत्ति को किराए पर देने की व्यावसायिक गतिविधियों को कैसे अंजाम दे रही थी.