CWC Meeting : कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) 13 से 15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में होने वाले अपने विचार-मंथन सत्र के तौर-तरीकों और एजेंडे पर काम करने के लिए दिल्ली में AICC मुख्यालय में बैठक की. तीन दिवसीय चिंतन शिविर से ठीक तीन दिन पहले हुई बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और CWC के सदस्य मौजूद थे. इस मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, आपको याद होगा कि पिछली बैठक के अंत में मैंने घोषणा की थी कि हम जल्द ही एक चिंतन शिविर का आयोजन करेंगे. इसलिए हम 13, 14 और 15 मई को उदयपुर में मिल रहे हैं.
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सोनिया गांधी ने कहा, हमारे लगभग 400 सहयोगी भाग लेंगे. उनमें से अधिकांश संगठन या केंद्र सरकार में एक या दूसरे पद पर रहते हैं या रखते हैं. हमने प्रतिनिधित्व को लेकर हर कोण से संतुलन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है. उन्होंने कहा, हमारी विचार-विमर्श छह समूहों में होगा. ये राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक न्याय, किसान, युवा और संगठनात्मक मुद्दों को उठाएंगे. प्रतिनिधियों को पहले ही सूचित कर दिया गया है कि वे किस समूह में भाग लेंगे. 15 मई की दोपहर को CWC से मंजूरी मिलने के बाद हम उदयपुर नव संकल्प को अपनाएंगे.
बैठक में सोनिया ने कहा, खुद की आलोचना की जरूरत
बैठक के दौरान कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने CWC की बैठक के दौरान कहा कि निश्चित तौर पर पार्टी मंचों पर खुद की आलोचना की जरूरत है, लेकिन ऐसा इस तरह से नहीं किया जाना चाहिए कि आत्मविश्वास और मनोबल पर असर हो और निराशा का माहौल हर जगह बन जाए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस ने 1998, 2003 और 2013 में अपने 'चिंतन शिविर' आयोजित किए थे. इनमें से शिमला में 2003 का सत्र पार्टी के लिए फायदेमंद रहा क्योंकि वह एक साल बाद अटल के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को हराकर सत्ता में आई थी जिसके बाद पार्टी 10 साल तक देश पर राज किया, लेकिन कांग्रेस को वर्ष 2014 से चुनावों में हार का सामना करना पड़ रहा है. पार्टी राज्यसभा में 29 और लोकसभा में 53 सीटों पर सिमट गई है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने 21 अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि चुनावी हार के एक महीने बाद सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने 2024 के लिए एक अधिकार प्राप्त कार्य समूह के गठन की घोषणा की. वहीं कुछ दिन पहले कांग्रेस की शीर्ष नेताओं ने मुलाकात कर चुके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prasant Kishor) ने पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया था.