कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हमला करते हुए कहा है कि शीतकालीन सत्र न बुलाकर मोदी सरकार संसदीय लोकतंत्र का गला घोंट रही है।
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, 'सरकार गलतफहमी में है कि वो संसद के सत्र को रोककर अपनी संसदीय जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेगी।'
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री दोषपूर्ण जीएसटी के लागू करने के लिये आधी रात को संसद का सत्र बुला सकते हैं, लेकिन अब वो सदन का सामना करने से बचना चाह रहे हैं।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'नोटबंदी के एक साल बाद भी कुछ हुआ नहीं है, बल्कि गरीबों, परेशान किसानों, घरेलू महिलाओं, छोटे व्यापारियों और मजदूरों के घावों पर नमक लगाने का काम किया गया है। सिर्फ कुछ लोगों के भविष्य के लिये गरीबों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।'
हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार संसद का सत्र बुलाने से भाग नहीं रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार इस संबंध में फैसला लेगी।
और पढ़ें: जम्मू कश्मीर : ख़ुफ़िया एजेंसियों ने लश्कर का बड़ा प्लान किया डिकोड
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि कई सांसदों ने आग्रह किया था कि हिमाचल और गुजरात के चुनावों में उन्हें प्रचार के लिये जाना है।
पारंपरिक तौर पर संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होता है और दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक चलता है। सूत्रों का कहना है कि सरकार संभवतः 10 दिनों का सत्र दिसंबर के दूसरे सप्ताह में बुला सकती है।
और पढ़ें: शिया वक्फ बोर्ड का प्रस्ताव, अयोध्या में बने मंदिर और लखनऊ में मस्जिद
Source : News Nation Bureau