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सोनिया गांधी ने मोदी सरकार साधा निशाना, कहा- राजीव गांधी को भी मिला था पूर्ण बहुमत पर नहीं फैलाया डर

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर मोदी सरकार पर हमला बोला है.

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Deepak Pandey
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सोनिया गांधी ने मोदी सरकार साधा निशाना, कहा- राजीव गांधी को भी मिला था पूर्ण बहुमत पर नहीं फैलाया डर

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा- राजीव गांधी को भी पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल डर का माहौल बनाने में नहीं किया. सोनिया की यह टिप्पणी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में आई है. दरअसल, सीबीआई ने चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया से संबंधित मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया.

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पी चिदंबरम ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को झूठा करार दिया और कहा कि वह आशा करते हैं कि जांच एजेंसियां कानून का सम्मान करेंगी. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के योगदान को याद करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, राजीव गांधी मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संकल्प रखते थे. उन्होंने कहा, 'उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर देश के कोने कोने तक जाकर यह संदेश दिया कि भारत की विविधता का उत्सव मनाकर ही देश को मजबूत बना सकते हैं.

सोनिया गांधी ने कहा, राजीव गांधी की याद आज भी हमारे दिल में है. वो भारत को मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की बात करते थे. राजीव गांधी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने थोड़े से समय में भारत की एकता की बात की और देश की बुनियादी सूरत बदलने का काम करके दिखाया. ये उन्हीं का फैसला था कि 18 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार मिले. पंचायतों और नगरपालिकाओं को वैधानिक दर्जा मिले. ये लोकतंत्र की पहली सीढ़ी के रूप में उभर कर आगे आई.

राजीव गांधी ने दूरसंचार क्रांति करने का संकल्प किया और छोटे से समय में इसे कर दिखाया. उन्होंने तकनीक की ताकत का इस्तेमाल न केवल परमाणु उर्जा, अंतरिक्ष और मिसाइल के जरिए किया, बल्कि उन्होंने समाजिक बदलाव की रफ्तार को तेज करने के लिए साइंस और टेक्नॉलोजी का पेय जल और कृषि के क्षेत्र में किया.

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उन्होंने नॉर्थ-ईस्ट में शांति स्थापित करने के लिए कांग्रेस पार्टी के हितों को एक तरफ रखकर हालात सामान्य बनाए. भारत की अर्थव्यवस्था के वैश्विकरण और विश्वव्यापी बनाने का पहला कदम राजीव गांधी ने उठाया. वो इस बात के लिए भी सचेत रहे कि अगर भारत को दुनिया के मंच पर विशेष तमगा हासिल करना है तो उसे स्वयं समावेशी बनकर रहना होगा. यह काम घमंड दिखाकर, नारे लगाकर नहीं किया जा सकता, बल्कि कर्म करके दिखाना होगा.

सोनिया गांधी ने कहा कि 1984 में राजीव गांधी विशाल बहुमत से जीतकर आए थे, लेकिन उन्होंने उस जीत का इस्तेमाल भय का माहौल बनाने और डराने या धमकाने के लिए नहीं किया. संस्थाओं की स्वतंत्रता को नष्ट करने के लिए नहीं किया. असहमति और मुख्तलिफ नजरियों को कुचलने के लिए नहीं किया, लोकतांत्रिक परंपरा और जीवनशैली के लिए खतरा पैदा करने के लिए नहीं किया.

यूपीए चेयरपर्सन ने कहा कि 1989 में कांग्रेस दोबारा पूरे बहुमत से जीतकर नहीं आ सकी. राजीव गांधी ने इस हार को स्वीकार किया था. सबसे बड़े राजनीतिक दल होने के बाद भी राजीव ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. यह उन्हें उनके नैतिक बल, उनकी उदारता और इमानदारी ने उन्हें ऐसा करने नहीं दिया. सोनिया गांधी ने कहा कि ये आज कोई नहीं कर सकता जैसे राजीव ने किया और राहुल ने किया.

राजीव गांधी ने शांति कायम करने में निभाई अहम भूमिका: राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने पिता व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पंजाब, असम व मिजोरम शांति समझौतों पर हस्ताक्षर में भूमिका को लेकर याद किया. इन समझौतों ने सालों के संघर्ष व हिंसा को खत्म करने में मदद की. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, राजीव गांधी जी की कई उपलब्धियों में पंजाब, असम व मिजोरम समझौते भी हैं, जिससे वर्षों की हिंसा व संघर्ष को खत्म करने में सहायता मिली. आपसी सम्मान, समझ और शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की नींव पर निर्मित इन समझौतों ने भारतीय संघ को मजबूत किया.

राजीव गांधी ने जुलाई 1985 में पंजाब समझौते पर हस्ताक्षर किया, जिसके जरिए सरकार ने सहमति दी कि चंडीगढ़ को पंजाब को स्थानांतरित किया जाएगा और राज्य विधानसभा के चुनाव इसी साल सितंबर में कराए गए.

असम समझौता एक मेमोरंडम ऑफ सेटेलमेंट (एमओएस) था. इस पर प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अगुवाई में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों व असम मूवमेंट के नेताओं के बीच नई दिल्ली में 15 अगस्त 1985 को हस्ताक्षर किया गया.

मिजोरम समझौते पर भारत सरकार व मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के बीच 1986 में हस्ताक्षर किया गया. यह समझौता मिजोरम में हिंसा व विद्रोह को समाप्त करने के लिए किया गया. राहुल गांधी की यह टिप्पणी कांग्रेस द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती पर सप्ताह भर चलने वाले समारोह के दौरान आई है.

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