कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक अहम बैठक की. सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों से गुड गवर्नेंस पर जोर देने के लिए कहा है. सूत्रों के मुताबिक सोनिया ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे अपने-अपने राज्यों में इस तरह से काम करें, जिससे उनके राज्य एक रोल मॉडल की तरह उभरकर सामने आएं. करीब ढाई घंटे चली बैठक में सोनिया गांधी ने प्रदेश के नेताओं से दो टूक कहा कि अगर सत्ता में दोबारा लौटना है तो न सिर्फ जनता की उम्मीदों को पूरा करना होगा बल्कि घोषणा पत्र में किए अपने वादों को भी निभाना होगा.
पंजाब के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने न्यूज नेशन से खास बातचीत में बताया कि मीटिंग में आर्थिक मंदी पर भी विस्तार से चर्चा हुई. इस बैठक में खासतौर से पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह भी उपस्थित हुए थे. मीटिंग के दौरान मनमोहन सिंह ही ने पांचों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रभारी महासचिवों से कहा कि जब तक जीएसटी के स्वरूप को सरल नहीं किया जाता, तब तक स्थिति नहीं संभलेगी. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने सोनिया गांधी को बताया कि उनकी सरकार ने किसानों से 2500 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत पर धान की खरीदी कर राज्य में आर्थिक मंदी की स्थिति पर काबू पाने में कामयाब रही है.
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बैठक का मकसद था पांचों राज्यों में कांग्रेस की जमीन को मजबूत करना सोनिया गांधी ने इन नेताओं से दो टूक कहां की चुनाव के दौरान जो-जो वादे किए गए थे उसे वक्त पर पूरा करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं को सही ढंग से लागू करने के लिए सत्ता और संगठन में समन्वयन जरूरी है. इस मौके पर पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में ₹5 प्रति यूनिट की दर पर बिजली उपलब्ध करायी जा रही है इस कदम के बाद से छोटे उद्योगों को फायदा पहुंच रहा है जो बंद होने की कगार पर थे.
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इसके अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह में ने बताया कि किस तरह से राज्य में ₹50000 के निवेश को जमीन पर उतारा जा रहा है. पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में आपसी खींचतान के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि आपसी समन्वय बनाकर काम करें. जाहिर सी बात है कि उनका इशारा आपसी उठापटक और खींचातानी की ओर था.