नेशनल हेराल्ड (National Herald) मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) कल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समक्ष पेश होंगी. ईडी ने पहले सोनिया गांधी के लिखित अनुरोध को स्वीकार कर लिया था, जिसमें उन्होंने कोविड के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद समन को स्थगित करने की मांग की थी. वह सुबह करीब 11 बजे कांग्रेस मुख्यालय से ईडी कार्यालय के लिए रवाना होंगी. यह पहला मौका है जब कोई संघीय जांच एजेंसी कांग्रेस अध्यक्ष से पूछताछ करेगी. इससे पहले, ईडी ने दिल्ली में एजेंसी के मुख्यालय में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पांच दिनों में 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी.
कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन की योजना
ED द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने देशव्यापी विरोध की योजना बनाई है. कांग्रेस का विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने को लेकर सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का "दुरुपयोग" करने पर अपना गुस्सा व्यक्त करने की संभावना है. कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाइयों से अपने-अपने क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करने को कहा है. कल की रणनीति पर चर्चा और अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के घर में बैठक हुई. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बैठक में सभी ने विपक्ष की आवाज को दबाने के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया है. गहलोत ने कहा, "कांग्रेस सोनिया गांधी के साथ खड़ी रहेगी."पार्टी कार्यकर्ता अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर एकत्र होंगे जहां से सोनिया गांधी ईडी कार्यालय के लिए रवाना होंगी. इस दौरान अशोक गहलोत और पार्टी के मीडिया और प्रचार अध्यक्ष पवन खेड़ा मीडिया को संबोधित करेंगे. कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बुधवार को एक नोट साझा किया गया और कहा, "ईडी सोनिया गांधी को कैसे डरा सकती है, जिनके पूर्वजों ने दुनिया का भूगोल बदल दिया."
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क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
वर्ष 2012 में बीजेपी के नेता और अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक निचली अदालत के समक्ष एक शिकायत दर्ज की जिसमें आरोप लगाया गया कि यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में कुछ कांग्रेस नेता धोखाधड़ी और विश्वासघात में शामिल थे. उन्होंने आरोप लगाया कि YIL ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को 'दुर्भावनापूर्ण' तरीके से 'कब्जा' कर लिया था. नेशनल हेराल्ड 1938 में अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित एक समाचार पत्र था.
सुब्रमण्यम स्वामी का दावा है कि YIL ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए “दुर्भावनापूर्ण” तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को “अधिग्रहित” किया. वर्ष 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने यह देखने के लिए जांच शुरू की कि क्या इस मामले में कोई मनी लॉन्ड्रिंग है.