भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि दो दिन पहले केरल में आया दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य अरब सागर और देश के कई तटीय राज्यों में आगे बढ़ गया है. आईएमडी ने अपने एक बयान में कहा, शनिवार को पूरे तटीय कर्नाटक और गोवा, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के अधिकांश हिस्सों, बंगाल की उत्तरपूर्वी खाड़ी और कुछ हिस्सों में मानसून का विस्तार हुआ है. आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून के अगले 24 घंटों के दौरान मध्य अरब सागर और अन्य क्षेत्रों में और आगे बढ़ने की संभावना है, क्योंकि मानसून की उत्तरी सीमा 17 डिग्री उत्तर और देशांतर अक्षांश से 60 डिग्री पूर्व से होकर गुजरी है.
बयान में यह भी बताया गया है कि एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पंजाब और उससे सटे हरियाणा के ऊपर समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है. चक्रवाती परिसंचरण उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर भी बना हुआ है, जो औसत समुद्री स्तर से 2.1 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. इसी तरह का सर्कुलेशन कर्नाटक और गोवा तटों से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर में बना हुआ है, जो कि औसत समुद्र तल से 4.5 किमी तक फैला हुआ है. आईएमडी ने कहा कि श्रीलंका और उससे सटे कोमोरिन क्षेत्र में समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर से 4.5 किलोमीटर के बीच चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है.
मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मध्य प्रदेश, कोंकण और गोवा, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में बारिश की संभावना है. इसके अलावा गिलगित बाल्टिस्तान, लद्दाख, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पूर्वी राजस्थान, गुजरात में भी तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश के मौसम के दौरान सामान्य से लेकर सामान्य से ऊपर बारिश होने का अनुमान है.
HIGHLIGHTS
- मानसून की उत्तरी सीमा 17 डिग्री उत्तर और देशांतर अक्षांश से 60 डिग्री पूर्व से होकर गुजरी है.
- चक्रवाती परिसंचरण उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर भी बना हुआ है
- कर्नाटक और गोवा तटों से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर में भी ऐसा सर्कुलेशन बना हुआ है
Source : IANS/News Nation Bureau