समाजवादी पार्टी के सांसद ने अब एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने संसद से सेंगोल हटाने की मांग की है. मोहनलाल सासंद आरके चौधरी का कहना है कि सेंगोला राजा का डंडा है और इसे संसद से हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने सदन में सेंगोल की स्थापना की है. सेंगोल का अर्थ होता है- राजदंड यानी राजा का डंडा. देश रियासती व्यवस्था से बाहर निकल चुका है. भारत अब आजाद है. भारत अब राजा के डंडे से चलेगा या फिर संविाधान से. संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है. मेरी मांग है कि संविधान की सुरक्षा के लिए संसद से सेंगोल को हटाया जाए.
योगी आदित्यनाथ ने साधा निशाना
आरके चौधरी की मांग से सत्ता पक्ष आक्रमक हो गया है. मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि सपा को तमिल संस्कृति का सम्मान नहीं है. एक्स पर पोस्ट करते हुए योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी को भारत के इतिहास और संस्कृति का सम्मान नहीं है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सपा के शीर्ष नेताओं की टिप्पणी निंदनीय है. उनकी टिप्पणी तमिल संस्कृति के प्रति इंडिया गठबंधन की नफरत को दर्शाता है. सीएम ने कहा कि सेंगोल भारत का गौरव है. पीएम मोदी ने ससम्मान संगोल को संसद में सर्वोच्च सम्मान दिया है.
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 27, 2024
कांग्रेस सांसद ने किया समर्थन
सपा प्रमुख ने अखिलेश यादव ने आरके चौधरी के बयान का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि जब सेंगोल को प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में स्थापित किया तो उन्होंने उसे प्रणाम किया था पर शपथ लेते समय उन्होंने सेंगोल को प्रणाम नहीं किया. चौधरी शायद पीएम मोदी को यही याद दिलाना चाहते हों. मामले में कांग्रेस सांसद मणिकम चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता ने अच्छा सुझाव दिया है.
भाजपा ने की आलोचना
मामले में भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सपा नेता के बयान की निंदा की है. उन्होंने भारतीय और तमिल संस्कृति का अपमान करने का आरोप लगाया. पूनावाला ने कहा कि सपा संसद में सेंगोल की आलोचना करते हुए इसे राजा का दंड कहती है. सपा नेता रामचरितमानस और सेंगोल का विरोध करती है. यह उनके मानसिकता को दर्शाता है. क्या डीएमके उनके बयान का समर्थन करती है.
Source : News Nation Bureau