मुंबई की एक विशेष अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी हारून नाइक जाली भारतीय करेंसी के मामले में दोषी ठहराते हुए छह साल की सजा सुनाी है।
एक दूसरे आऱोपी असरार टेलर उर्फ सागरी को भी इसी मामले में इतनी ही सजा सुनाई है।
हालांकि, विशेष एनआईए कोर्ट ने अजहर-उल-इस्लाम सिद्दीकी उर्फ मुन्ना को इसी मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया है।
मामले की पहले महाराष्ट्र एटीएस ने जांच की थी लेकिन बाद में एनआईए को सौंपी गई।
अभियोजन के अनुसार 2011 में एटीएस ने वडाला स्थित एक प्राइवेट गेस्ट हाउस पर छापेमारी की थी। जिसमें नाइक की गिरफ्तारी की गई थी।
उसके पास से 9.75 लाख रुपये बरामद किये गए थे। जो 1,000 और 500 रुपये की करेंसी में थे। नाइक के पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर ही बाकी के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
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Source : News Nation Bureau