बैंकों का लोन लेकर फरार चल रहा शराब कारोबारी विजय माल्या के लिए बुरी खबर है. विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया. अदालत ने ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाने की विजय माल्या की अर्जी खारिज कर दी. कोर्ट के फैसले के बाद माल्या नए कानून के तहत देश का पहला आर्थिक भगोड़ा बन गया है.
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कोर्ट ने इस फैसले को 26 दिसंबर 2018 को 5 जनवरी 2019 तक के लिए सुरक्षित रखा था. माल्या ने पीएमएलए कोर्ट में दलील थी कि वह भगोड़ा अपराधी नहीं है और न ही मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल है. इससे पहले विजय माल्या ने दिसंबर महीने में आग्रह किया था कि उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिये शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. कोर्ट ने माल्या की इस अर्जी को खारिज कर दिया था.
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अदालत के आदेश के बाद विजय माल्या की सारी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया गया है. अदालत में कई कंपनियों ने अपील की थी, जिसमें UBL और कई बैंक भी शामिल हैं जिन्होंने अदालत से कहा है कि कई प्रॉपर्टी ऐसे हैं जो अब विजय माल्या के नहीं हैं, इसलिए ऐसे संपत्तियों को फिलहाल जब्त नहीं किया जाए. इसपर अदालत 5 फरवरी को सुनवाई करेगी. फिलहाल ईडी केवल विजय माल्या की संपत्ति को ही जब्त कर सकेगी.
Source : News Nation Bureau