पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा नहीं, लोकसभा में बिल पेश

लोकसभा में महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच सोमवार को विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम में संशोधन विधेयक पेश किया गया.

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Drigraj Madheshia
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पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा नहीं, लोकसभा में बिल पेश

एसपीजी से घिरे पीएम मोदी( Photo Credit : फाइल)

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लोकसभा में महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के बीच सोमवार को विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) अधिनियम में संशोधन विधेयक पेश किया गया. इसमें किसी पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को एसपीजी की सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है. कैबिनेट पहले ही एसपीजी कानून में संशोधन विधेयक को हरी झंडी दे चुकी है. निचले सदन में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक पेश किया. इस दौरान सदन में गृह मंत्री अमित शाह मौजूद थे.

उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित एसपीजी कमांडो देश के प्रधानमंत्री, उनके परिजनों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते हैं. सुरक्षा संबंधी खतरों के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है. प्रस्तावित विधेयक में पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को एसपीजी सुरक्षा के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव किया गया है. सूत्रों के अनुसार, एसपीजी कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री को पद छोड़ने के एक साल बाद तक या फिर खतरे के आंकलन के आधार पर एसपीजी सुरक्षा देने के प्रावधान में परिवर्तन नहीं किया जाएगा.

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एसपीजी अधिनियम के तहत, एसपीजी की सुरक्षा प्रधनमंत्री एवं उसके परिवार के सदस्यों को प्रदान की जाती है. इसके अलावा किसी पूर्व प्रधानमंत्री या उनके परिवार के सदस्यों को पद छोड़ने के एक वर्ष तक इसे प्रदान किया जाता है और एक वर्ष बाद खतरे का आकलन कर सुरक्षा कवर को बढ़ाया जा सकता है.

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कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष तथा सांसद राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने का मुद्दा उठाया है. हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि यह फैसला गृह मंत्रालय का है और इसमें कोई राजनीति नहीं है. 

Source : Bhasha

SPG
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