केरल सदी के सबसे बड़े बाढ़ की मार झेल रहा है। बाढ़ ने खेती के 45,000 हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुए है, जिससे करीब 1,82,000 किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। बाढ़ ने धान, केला और मसालों की खेती को भी तहस-नहस कर दिया। जिसके कारण मसालों की कीमत आसमान छू सकती है। बाजार में तो इसका असर दिखने भी लगा है।
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केरल मसालों के लिए देश ही नहीं विदेशों में भी जाना जाता है। केरल मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। केरल काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, इलाइची, अदरक, हल्दी, जायफल जैसे सुगंधित मसालों का सबसे बड़ा बाजार है। ये तमाम सुंगधित मसालों की फसल बाढ़ में बरबाद हो गए हैं। जायफल, जावित्री पर भी बाढ़ की मार पड़ी है।
कुछ मसालों के दामों में हुआ इजाफा
जायफल जो पहले बाजार में 4 सौ रुपए किलो थी अब 7 सौ रुपए किलो मिल रही है।
जावित्री जिसकी कीमत पहले 12 से 13 सौ रुपए थी अब 17 सौ रुपए किलो मिल रही है।
काली मिर्च पहले 350 रुपए किलो थी अब 600 रुपए किलो हो गई है।
वहीं, इलाइची जो पहले 14 सौ रुपए किलो थी वो अब 16 सौ रुपए हो गई है।
केरल अकेले 70 प्रतिशथ अदरक की खेती करता था। अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि बाजार में अदरक कैसे आपके खाने का स्वाद बिगड़ाने वाली है।
केरल में मसालों का इतिहास
केरल के मसालों का जादू तीसरी शताब्दी ईस्वी पूर्व से पूरी दुनिया में बोल रहा है। वास्कोडिगामा यहां के मसालों की खुशबू सूंघ कर यहां पहुंच गए थे। वहीं, रोम ने केरल के मसालों को खरीदने के लिए अपने खजाने की बोरी खोल दी थी। चीन सिल्क वस्त्रों को यहां बेचकर मसाले ले जाते थे। अभी भी 12 तरह के मसाले पूरी दुनिया में केरल को पहचान दिलाए हुए हैं।
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Source : News Nation Bureau