Advertisment

स्पूतनिक लाइट को मिली भारत में फेज-3 ट्रायल की अनुमति, लगेगी सिर्फ एक डोज

DCGI ने भारतीयों पर स्पूतनिक लाइट के फेज-3 ब्रिजिंग ट्रायल के लिए अनुमति दे दी है. इससे पहले जुलाई में स्पूतनिक लाइट को इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन देने से इनकार कर दिया था.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
Sputnik Vaccine

स्पूतनिक लाइट को मिली भारत में फेज-3 ट्रायल की अनुमति( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

कोरोना के खिलाफ जारी जंग में भारत को बड़ी कामयाबी साथ लगी है. रूसी वैक्सीन स्पूतनिक लाइट (Sputnik Light) को भारत में तीसरे चरण के ब्रिजिंग ट्रायल की मंजूरी मिल गई है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारतीय आबादी पर टीके के परीक्षण को हरी झंडी दे दी है.  इससे पहले जुलाई में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ऑफ द सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने स्पूतनिक लाइट को इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन देने से इनकार कर दिया था. CDSCO ने रूसी वैक्सीन के स्थानीय ट्रायल को जरूरी बताया था.

भारत में डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरी ने बीते साल रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ भारत में स्पूनतिक V के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए करार किया था. हाल ही में लैंसेट में प्रकाशित एक स्टडी बताती है कि कोविड-19 के खिलाफ स्पूतनिक लाइट ने 78.6-83.7 फीसदी की प्रभावकारिता दिखाई है. स्टडी में यह भी सामने आया कि स्पूतनिक लाइट दो डोज वाली कई वैक्सीन की तुलना में ज्यादा प्रभावकारी है. 

यह भी पढ़ेंः ऑनलाइन खाना मंगाना हो सकता है महंगा, GST काउंसिल कमेटी ने की ये सिफारिश

आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए दिया था आवेदन
हाल ही में पैनेशिया बायोटेक ने इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन हासिल करने के लिए डोजियर जमा कर दिया है. कंपनी ने इस वैक्सीन के लिए रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के साथ साझेदारी की है. स्पूतनिक लाइट को रूस की गमालेया इंस्टीट्यूट ने RDIF के समर्थन से तैयार किया है. इस वैक्सीन को रूस में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मई में मंजूरी मिल गई थी.

हिमाचल में बन रही है स्पूतनिक वैक्सीन 
जुलाई में पेनेशिया बायोटेक ने स्पूतनिक V वैक्सीन के निर्माण के लिए लाइसेंस हासिल करने की घोषणा की थी. कंपनी इस वैक्सीन को हिमाचल प्रदेश बद्दी में स्थित प्लांट में तैयार कर रही है. जानकारी के मुताबिक इस प्लांट में बन रही वैक्सीन गुणवत्ता जांच में गमालेया इंस्टीट्यूट और कसौली स्थित सेंट्रल ड्रग लैबोरेटरी में पास भी हो गई है. दावा किया जा रहा है कि कंपनी हर साल वैक्सीन की 10 करोड़ डोज का उत्पादन करेगी जिसे डॉक्टर रेड्डीज की तरफ से वितरित किया जाएगा.

HIGHLIGHTS

  • भारत में डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरी से किया करार
  • दो डोज वाली वैक्सीन से मुकाबले बेहतर रहे नतीजे
  • ट्रायल सफल रहा तो बनेगी पहली सिंगल डोज वैक्सीन
corona-vaccine Sputnik Light in India Sputnik Light
Advertisment
Advertisment
Advertisment