भारत में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने के लिए एक और वैक्सीन को सरकार अपने टीकाकरण केंद्रों पर लगाने की तैयारी कर रही है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब रूस में बनी 'स्पूतनिक वी' जल्द ही सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर भी उपलब्ध होगी. हाल ही में कोविड-19 वर्किंग ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि यह वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी. अभी स्पूतनिक वी केवल प्राइवेट सेक्टर में उपलब्ध है. अरोड़ा ने कहा कि यह सप्लाई पर निर्भर करेगा, हालांकि हम इसे मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम के तहत उपलब्ध कराना चाहते हैं.'
अंग्रेजी अखबर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक Sputnik V को -18 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर करना होता है. अरोड़ा ने कहा कि जिस तरह पोलियो की वैक्सीन को रखने के लिए कोल्ड चेन फैसिलिटीज का इस्तेमाल किया जाता है, इसी फैसिलिटी के जरिए स्पूतनिक वी स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि वैक्सीन देश के ग्रामीण इलाकों तक पहुंच सके.
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जुलाई तक 50 करोड़ का लगेंगी वैक्सीन
जुलाई में भारत का टीकाकरण अभियान काफी रफ्तार पकड़ेगा. जुलाई में 12 करोड़ वैक्सीन सरकार उपलब्ध कराने जा रही है. इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी वैक्सीन लगाई जाएगी. अरोड़ा ने कहा कि पोलियो टीकाकरण के चलते कुछ इलाकों में कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी पड़ी है. अब तक 34 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं. जनवरी में केंद्र ने कहा था कि जुलाई अंत तक करीब 50 करोड़ डोज लगा दी जाएंगी ताकि प्राथमिकता वाले समूहों को कवर किया जा सके. टीकाकरण को रफ्तार देने के लिए रोज करीब 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी.
1 करोड़ लोगों को रोज वैक्सीन लगाने का लक्ष्य
डॉ अरोड़ा के मुताबिक भारत के टीकाकरण अभियान में सबसे बड़ा हिस्सा कोवैक्सीन और कोविशील्ड का है. इन दोनों कंपनियों ने अपना प्रोडक्शन बढ़ाना शुरू कर दिया है. इसके अलावा स्पूतनिक वी वैक्सीन के साथ ही मॉडर्ना व जायडस कैडिला की नई वैक्सीन को भी मंजूरी मिल चुकी है. ऐसे में रोज करीब 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा सकेगी. हालांकि उन्होंने डेल्टा प्लस के कारण तीसरी लहर की संभावना से फिलहाल इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के मुताबिक तीसरी लहर अगले साल फरवरी तक आ सकती है. तब तक 18 साल से ऊपर के बर व्यक्ति को वैक्सीन लग चुकी होगी. ऐसे लोगों की संख्या करीब 93 करोड़ है. दूसरी तरफ डेल्टा प्लस वेरिएंट के देश में कुल 52 मामले सामने आए हैं, ऐसे में इस वेरिएंट से तीसरी लहर की संभावना हाल फिलहाल नजर नहीं आती.
HIGHLIGHTS
- अभी प्राइवेट सेंटर्स पर लग रही, जल्द ही सरकारी में भी लगेगी
- रूस में बनी है स्पूतनिक वी वैक्सीन, भारत दे चुका मंजूरी
- अब तक 34 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकीं