श्रीलंका आर्थिक संकट से जूझ रहा है. यहां लोगों ने सड़कों पर उतरकर राष्ट्रपति भवन में भी कब्जा कर लिया है. लोगों के दबाव में आकर रानिले विक्रमसिंघे ने भी शनिवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा देंगे. इस बीच भारत ने श्रीलंका की मदद का बड़ा ऐलान किया है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत श्रीलंका की हर संभव मदद करेगा. श्रीलंका में कोई शराणर्थी संकट नहीं है.
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमेशा से भारत सरकार श्रीलंका का समर्थन करती रही है और वह आर्थिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी देश की हरसंभव मदद करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने श्रीलंका की मौजूदा स्थिति के परिणामस्वरूप शरणार्थी संकट की आशंका से भी मना किया है.
केरल के तीन दिन के दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री जयशंकर ने श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के सवाल पर कहा कि अभी वे अपनी समस्याओं को कम करने को कुछ कदम उठा रहे हैं, इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे क्या करते हैं. शराणर्थी संकट के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल कोई शरणार्थी संकट नहीं है.
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पत्रकारों ने जयशंकर से उनके दौरे का कारण पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि इस दौरे की कई वजह हैं. उन्होंने कहा कि यहां वह अपने पार्टी सहयोगियों के साथ समय बिताना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि वे कैसे काम कर रहे हैं एवं केरल में क्या हो रहा है?