केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को औद्योगिक नगरी दुगार्पुर में कहा कि राज्य में कोयला भंडार सहित खनन भंडार की रक्षा करना संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. हालांकि, उन्होंने करोड़ों रुपये के कोयला तस्करी घोटाले पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों द्वारा चल रही जांच पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. कोयला मंत्री ने कहा, मामले में जांच चल रही है इसलिए मैं इस मामले में कोई टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूं, लेकिन कोयले की चोरी रोकना संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. सिर्फ कोयला ही नहीं बल्कि किसी राज्य में किसी भी खनन रिजर्व की सुरक्षा संबंधित राज्य सरकार की जिम्मेदारी है.
वह पश्चिम बर्दवान जिले में फैली ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) की कोयला खदानों का सर्वेक्षण करने के साथ-साथ इन खानों के भविष्य के विकास का खाका तैयार करने के लिए दुगार्पुर में थे. इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दावों को भी खारिज कर दिया क्योंकि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कोयला खदानों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है.
कोयला मंत्री ने कहा, आपको यह याद रखना होगा कि यद्यपि सीआईएसएफ कोयला खदानों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है, किसी भी कोयला चोरी के मामले में केंद्रीय बल स्थानीय पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से कई मामलों में ऐसी एफआईआर को स्वीकार नहीं किया जाता है. मैं सिर्फ पश्चिम बंगाल सरकार को ही नहीं, बल्कि कोयला खदानों के भंडार वाली सभी राज्य सरकारों को याद दिलाना चाहता हूं कि किसी राज्य में खदानों के भंडार की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकार की होती है. मामले में कोई राजनीतिक बहस न हो.
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Source : IANS