तेलंगाना में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें आठ साल के एक बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला।
घटना हनामकोंडा जिले में काजीपेट रेलवे क्वार्टर के पास शुक्रवार सुबह हुई।
पेड़ के नीचे अकेले सो रहे बच्चे पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। मासूम बच नहीं सका और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
पीड़ित की पहचान उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर के बेटे छोटू के रूप में हुई। परिवार गुरुवार रात काजीपेट रेलवे स्टेशन पहुंचा था और पास के एक पार्क में सोया था। लड़के के माता-पिता बच्चे को छोड़कर शौच के लिए गए हुए थे।
वापस लौटने पर बच्चे को खून से लथपथ देखकर माता-पिता हैरान रह गए। वे उसे अस्पताल ले गए लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
माता-पिता बेसुध रह गए। परिवार अजमेर जा रहा था और गुरुवार रात काजीपेट पहुंचा था।
सरकार के मुख्य सचेतक विनय भास्कर और मेयर गुंडू सुधा रानी ने अस्पताल का दौरा किया और लड़के के माता-पिता को सांत्वना दी।
पुलिस ने छोटू के शव को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम अस्पताल भिजवाया।
तेलंगाना में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। पिछले चार महीनों के दौरान राज्य भर में आवारा कुत्तों के हमलों में कम से कम चार बच्चों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए।
वारंगल जिले में यह दूसरी घटना है। पिछले महीने आवारा कुत्तों के हमले में घायल हुए एक बच्चे की मौत हो गई थी।
हैदराबाद में 19 फरवरी को आवारा कुत्तों के झुंड ने एक चार साल के बच्चे को नोच-नोच कर मार डाला था। दिल दहला देने वाली यह घटना एक कार सर्विसिंग सेंटर में हुई थी, जहां लड़के के पिता चौकीदार के रूप में काम कर रहे थे।
राज्य भर में इस तरह की घटनाओं की एक श्रृंखला ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। हैदराबाद में 19 फरवरी की घटना के बाद, नगर निगम के अधिकारियों ने आवारा कुत्तों के खतरे को रोकने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी, लेकिन नागरिकों का कहना है कि उपायों का जमीनी स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
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Source : IANS