Bharat Shakti: 'भारत शक्ति' में दिखी तीनों सेनाओं की ताकत, स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन

Bharat Shakti: महा अभ्यास के तहत तीनों सेनाओं के स्वदेश निर्मित रक्षा उपकरणों का शक्ति प्रदर्शन किया गया. इस दौरान देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे.

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Mohit Saxena
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bharat shakti ( Photo Credit : social media)

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Bharat Shakti:  राजस्थान के पोकरण के रेगिस्तानी इलाके में 12 मार्च 2024 को महा अभ्यास ‘भारत शक्ति’ किया गया.  इसके तहत तीनों सेनाओं के स्वदेश निर्मित रक्षा उपकरणों का शक्ति प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  सेना के ‘भारत शक्ति’ अभ्यास का अवलोकन करने पहुंचे. इस मौके पर देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे. यहां स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का करीब 50 मिनट तक समन्वित प्रदर्शन किया. अभ्यास 'भारत शक्ति' में उभरते भारत की शक्ति के प्रदर्शन के रूप में स्वदेशी हथियार प्रणालियों और प्लेटफार्मों की एक श्रृंखला प्रदर्शित की गई थी. यह राष्ट्र की आत्मानिर्भारत  पहल पर आधारित थी. भारत शक्ति ने न केवल सशस्त्र बलों की स्वदेशी रक्षा क्षमता को प्रदर्शित किया.

परिचालन क्षमताओं को प्रदर्शित करना है

इस तरह से संचार, प्रशिक्षण,अंतर-संचालन  और रसद जैसे विभिन्न पहलुओं में हासिल की जा रही एकीकरण और संयुक्तता को प्रदर्शित किया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान के अनुसार ‘भारत शक्ति’ के दौरान देश को आत्मनिर्भर बनाने की पहल के तहत स्वदेश में विकसित हथियार प्रणालियों और मंचों की एक खास शृंखला प्रदर्शित की गई. इसमें कहा कि यह अभ्यास भूमि, वायु, समुद्र, साइबर  और अंतरिक्ष क्षेत्र में खतरों का मुकाबला करने को लेकर भारतीय सशस्त्र बलों की एकीकृत परिचालन क्षमताओं को प्रदर्शित करना है. 

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उपकरणों का शक्ति प्रदर्शन किया गया. 

इस दौरान एलसीए तेजस, एएलएच एमके-चार, एलसीएच प्रचंड, सचल ड्रोन रोधी प्रणाली, बीएमपी-द्वितीय और इसके संस्करण, नामिका (नाग मिसाइल कैरियर), टी90 टैंक, धनुष, के9 वज्र और पिनाका रॉकेट को प्रदर्शित किया गया. सेना डिजाइन ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल सी एस मान का कहना है कि ‘भारत शक्ति’ अभ्यास के वक्त तीनों सेनाओं के स्वदेश में निर्मित रक्षा उपकरणों का शक्ति प्रदर्शन किया गया. 

इस तरह का पहला अभ्यास है

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों का कहना है कि यह अपने आप में इस तरह का पहला अभ्यास है. ये ‘किसी भी दिशा (उत्तरी या पश्चिमी सीमा) या किसी प्रतिद्वंद्वी को लक्ष्य बनाकर नहीं किया गया. जैसलमेर के पोकरण में हुए अभ्यास कृत्रिम मेधा (एआई) के उपयोग का प्रदर्शन किया गया. इसे सभी अतिथियों ने सराहा.

Source : Madhurendra Kumar

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