दिल्ली में ऐप बेस्ड टैक्सी ड्राइवर्स की हड़ताल का आज चौथा दिन है। इस दौरान यात्रियों की परेशानी भी लगातार जारी है। ऐप बेस्ड टैक्सियों की सेवा लेने वाले यात्री ओला, उबर कंपनियों की सेवाएं नहीं ले पा रहे हैं। इसके अलावा इस हड़ताल से दिल्ली के पर्यटकों को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
क्यों हो रही है हड़ताल
टैक्सी ड्राइवरों का कहना है कि हड़ताल के माध्यम से वो कंपनियों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं।
क्या है इनकी मांगे
- कैब ड्राइवर्स कंपनियों से किराए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि कंपनियां मौजूदा 6 रुपये प्रति किमी से किराया बढ़ा कर 21 रुपये प्रति किमी करे।
- इसके अलावा ड्राइवर्स हफ्ते के पूरे भुगतान की भी बात कह रहे हैं।
- इनकी मांग है कि कंपनियां फर्जी ड्यूटी बता कर पैसे काट लेती है जिसे रोका जाए।
- कैब ड्राइवर्स कंपनियों को अपनी गाड़ियां उतारने के लिए भी मना कर रहे हैं साथ ही नई गाड़ियों को जोड़ने का भी विरोध कर रहे हैं।
- कैब ड्राइवर्स की मांग है कि कंपनियां कार शेयरिंग की बुकिंग करना भी बंद करे।
- इतना ही नहीं वो यह भी चाहते हैं कि ड्यूटी के दौरान कोई दुर्घटना घटती है तो ड्राइवर्स को पूरा हर्जाना मिलना चाहिए
- बता दें कि दिल्ली में चलने वाली काली-पीली टैक्सियां और ऑटो यूनियन हड़ताल में शामिल नहीं है।
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इस बीच रविवार को ड्राइवर्स की पांच यूनियन इस हड़ताल से बाहर निकल गई थी और दिल्ली सरकार के आश्वासन के बाद यह दिल्ली एनसीआर में टैक्सियां चलाने पर राज़ी हो गई थीं।
जबकि, दिल्ली-एनसीआर में करीब डेढ़ लाख ड्राइवरों के संगठन सर्वोदय ड्राइवर असोसिएशन ऑफ दिल्ली (एसडीएडी) ने हड़ताल वापस न लेने की बात कही है।
इस बीच ऐसी भी शिकायतें मिल रही हैं कि टैक्सी ड्राइवर्स इस हड़ताल को न मानने वाले ड्राइवर्स के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। हड़ताल में शामिल न होने वाले ड्राइवर्स को रोक कर बदसलूकी की जा रही है।
वहीं इस बीच कंपनियां सब कुछ सामान्य होने की बात कह रही है। कैब सर्विस प्रोवाइडर्स कंपनियां अपनी ऐप के माध्यम से ग्राहकों को हालात सामान्य होने की बात कह रही है और कैब बुक कराने का ऑफर कर रही हैं।
इसके अलावा कंपनियों को किसी अप्रिय स्थिति होने पर भी कस्टमर केयर या 100 नंबर डायल करने की सलाह दे रही है। लेकिन फिलहाल स्थिति बदतर बनी हुई है।
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Source : News Nation Bureau