Advertisment

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदारः नासा

11 नवंबर को नासा ने नोट किया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उत्तर-पश्चिमी भारत में हवा की गुणवत्ता में तेज गिरावट आई है.

author-image
Nihar Saxena
New Update
NASA

नासा की रिपोर्ट में प्रदूषण के लिए पराली जिम्मेदार.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का मामला गंभीर होता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बीते दिनों हलफनामा दायर कर कहा है कि जहरीली हवा के लिए पराली जिम्मेदार नहीं है. हालांकि केंद्र सरकार के हलफनामे के उलट अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने दिवाली के बाद किए अपने एक अध्ययन के निष्कर्षों में खुलासा किया है कि दिल्ली में व्याप्त प्रदूषण का असली कारण पटाखे नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्यों में पराली का जलना है. नासा की रिपोर्ट में कहा गया है 16 नवंबर तक ‘विजिबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सूट (वीआईआईआरएस)’ सेंसर ने पंजाब में 74,000 से अधिक हॉटस्पॉट का पता लगाया.

हवा की गुणवत्ता में तेजी से आई गिरावट
नासा के अध्ययन के मुताबिक यह संख्या 2016 में सेंसर द्वारा खोजे गए 85,000 हॉटस्पॉट के लगभग बराबर ही है. 11 नवंबर को नासा ने नोट किया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उत्तर-पश्चिमी भारत में हवा की गुणवत्ता में तेज गिरावट आई है. यह भी पाया गया कि पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से नवंबर में आग लगने की गतिविधि बढ़ गई. बताया गया है, 11 नवंबर 2021 को सुओमी एनपीपी उपग्रह पर वीआईआईआरएस ने पंजाब और हरियाणा में आग से उठनेवाले धुएं का विशाल गुबार दिल्ली की ओर जाते देखा, जो भारत की सबसे घनी आबादी वाले शहरों में से एक है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि पाकिस्तान में लगी आग ने भी धुएं में योगदान दिया.

यह भी पढ़ेंः PM मोदी आज लखनऊ में डीजीपी कॉन्फ्रेंस में होंगे शामिल, इन मुद्दों पर होगी बात 

11 नवंबर को ही पराली के धुएं से 2.2 करोड़ लोग हुए प्रभावित
नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर  में कार्यरत पवन गुप्ता के मुताबिक अकेले 11 नवंबर को पराली जलाने से पैदा हुए धुएं से कम से कम 2.2 करोड़ लोग प्रभावित हुए. नासा ने बताया कि भारत की राष्ट्रीय राजधानी में सेंसर ने नवंबर में कई मौकों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ऊपर दर्ज किया था, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित 15 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के स्तर से अधिक है. नासा के विशेषज्ञों के मुताबिक अभी पराली जलने का समय कुछ सप्ताह और रहेगा, लेकिन एक्वा मोडिस ने पंजाब और हरियाणा में 17,000 से अधिक हॉटस्पॉट का अभी ही पता लगाया है. यानी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और बढ़ेगा.

HIGHLIGHTS

  • 16 नवंबर तक पंजाब में 74,000 से ज्यादा पराली के हॉटस्पॉट
  • 11 नवंबर को पराली के धुएं से कम से कम 2.2 करोड़ प्रभावित
  • नासा की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और बढ़ेगा 
delhi NASA दिल्ली-NCR stubble burning नासा एनसीआर air pollution दिल्ली प्रदूषण खराब हवा वायप प्रदूषण
Advertisment
Advertisment