भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी (Subramanian Swamy) ने वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की कोरोना वायरस महामारी को दैवीय घटना यानि एक्ट ऑफ गॉड कहने वाली बात पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बता दें कि सुब्रमण्यन स्वामी अपने ट्वीट्स की वजह से आए दिन खबरों में रहते हैं. ताजा मामले में उन्होंने वित्त मंत्री को एक्ट ऑफ गॉड के बयान पर घेरने की कोशिश की है.
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सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट किया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बैठक में कोविड-19 को दैवीय घटना करार दिया है. स्वामी ने इसको लेकर एक वीडियो भी शेयर किया है. उन्होंने सवाल खड़े किए हैं कि क्या कोविड से पूर्व वित्त वर्ष 2015 की सालाना 8 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ रेट से घटकर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3.1 फीसदी के स्तर तक आना भी एक्ट ऑफ गॉड है?
I am reliably informed that FM N. Sitharaman told a meeting that COVID-19 is an act God!! I will post the video soon. Was the decline in annual growth rate in GDP from 8 % in FY 15 to (1st Qtr 2020) 3.1 % pre-C0VID, also an act of God ?
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 28, 2020
स्वामी ने जिस वीडियो को रिट्वीट किया है उसमें वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था और जीएसटी में आई भारी गिरावट को दैवीय घटना कह रही हैं.
actofgod https://t.co/i2BobQ1H3y via @YouTube
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 28, 2020
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था और कोविड को लेकर दिया था ये बयान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को बयान दिया था कि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी की वजह से प्रभावित हुई है, जो कि एक दैवीय घटना (Act Of God) है और इससे चालू वित्त वर्ष में इसमें संकुचन आएगा. चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान लगाया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद 41वीं बैठक के बाद कहा था कि स्पष्ट रूप से जीएसटी क्रियान्वयन के कारण जो क्षतिपूर्ति बनती है, केंद्र उसका भुतान करेगा. केंद्र के आकलन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी. इसमें से 65,000 करोड़ रुपये की भरपाई जीएसटी के अंतर्गत लगाये गये उपकर से प्राप्त राशि से होगी, इसीलिए कुल 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रहने का अनुमान है.
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कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था में आ सकती है गिरावट: वित्त मंत्री
केंद्र के अनुसार 2.35 लाख करोड़ रुपये में से 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी क्रियान्वयन की वजह से है जबकि शेष का कारण कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव है. सीतारमण ने कहा था कि अर्थव्यवस्था असाधारण स्थिति का सामना कर रही है यह दैवीय घटना है. इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में गिरावट तक आ सकती है. इससे पहले, रिजर्व बैंक ने इसी सप्ताह कहा था कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट दूसरी तिमाही में भी जारी रहने की आशंका है. मई और जून में जो तेजी देखी गयी थी, ऐसा लगता है कि वह नदारद हो गयी है, इसका कारण कुछ राज्यों में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये फिर से लॉकडाउन लगाया जाना है.
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विभिन्न एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि के जो अनुमान लगाये हैं, उसमें जीडीपी में 3.2 प्रतिशत से लेकर 9.5 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका जतायी गयी है. भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट महामारी शुरू होने से पहले ही होने लगी थी. जीडीपी वृद्धि दर 2019-20 में 4.2 प्रतिशत रही जो वैश्विक वित्तीय संकट के बाद सबसे कम वृद्धि दर है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी अनुमान 31 अगस्त को जारी करने वाला है. 41वीं जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने जीएसटी कलेक्शन पर काफी बुरा असर डाला है. उन्होंने ये भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के रूप में सामने आए असाधारण ‘एक्ट ऑफ गॉड’ का सामना कर रही है, जिसकी वजह से इस साल अर्थव्यवस्था के विकास की दर सिकुड़ सकती है.