केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में बुधवार को कहा कि सुदर्शन टीवी चैनल ने कथित तौर पर नौकरशाही में मुस्लिमों की घुसपैठ पर आधारित अपने “बिंदास बोल” कार्यक्रम की चार कड़ियों के जरिये कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन किया है और चैनल को भविष्य में ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. उच्चतम न्यायालय में दायर किये गए हलफनामे में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चार नवंबर को पारित किये गए अपने आदेश को प्रस्तुत किया है. विवादित कार्यक्रम पर चैनल को जारी किये गए कारण बताओ नोटिस के संबंध में कार्यवाही करते हुए यह आदेश जारी किया गया था.
हलफनामे में कहा गया, “चैनल द्वारा पेश की गई मौखिक और लिखित स्थापना तथा आईएमसी के सुझावों का संज्ञान लेते हुए, मंत्रालय का मत है कि हालांकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता मौलिक अधिकार है, किंतु कार्यक्रम की कड़ियों में जो विषयवस्तु दिखाई जा रही थी उससे पता चलता है कि चैनल ने विभिन्न ऑडियो विजुअल सामग्री से कार्यक्रम को दिखाने के नियमों का उल्लंघन किया है. मंत्रालय ने पाया कि वह अच्छे नहीं हैं, अपमानजनक हैं और सांप्रदायिक विचारों को प्रोत्साहित करते हैं.” सुदर्शन टीवी के बिंदास बोल कार्यक्रम का विरोध करने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी.
Source : Bhasha