22 जनवरी 2024 को विज्ञान भवन में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति श्रीमती. द्रौपदी मुर्मू ने कल 19 बच्चों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित "राष्ट्रीय बाल पुरस्कार" से सम्मानित किया. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई शामिल हुए. साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरिष्ठ अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और विभिन्न संस्थानों के छोटे बच्चे भी उपस्थित थे.
सुहानी के innovation से किसानों की बदल जाएगी जिदंगी
इस कार्यक्रम में नई दिल्ली एमिटी इंटरनेशनल स्कूल पुष्प विहार की छात्रा सुहानी चौहान को भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुस्कार से सम्मानित किया गया है. बता दें कि सुहानी चौहान ने छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए शून्य कार्बन उत्सर्जन(zero carbon emissions) के साथ कृषि उपयोग के लिए एक बहुक्रियाशील(multifunctional), सौर ऊर्जा चालित वाहन का innovation किया है. इस वाहन का इस्तेमाल बीज बोने, छिड़काव, सिंचाई, गड्ढा खोदने और विभिन्न अन्य कृषि आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा. अपने innovation को लेकर सुहानी ने कहा कि यदि भारत में उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टरों में से केवल 1% में भी उनकी तकनीक का उपयोग किया जाए, तो सालाना 1,800 करोड़ रुपये के डीजल की बचत होगी.
किसानों को मिलेगा लाभ
प्रति वर्ष कार्बन उत्सर्जन की बचत लगभग 272,000 मीट्रिक टन CO2 होगी, जिसका कार्बन क्रेडिट में मूल्य लगभग 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 84 करोड़ रुपये) प्रति वर्ष है. जब किसान खेत में इसका उपयोग नहीं कर रहे हों तो वे वाहन पर लगे सौर पैनलों का उपयोग अन्य उपकरणों को बिजली देने के लिए भी कर सकते हैं या अपने द्वारा पैदा किए गए सरप्लस बेच भी सकते हैं.
जब पीएम से मिली सुहानी
सुहानी ने बताया कि जब वो पीएम मोदी से मिलीं तो वो रोमांचित हो गईं जब प्रधान मंत्री ने 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' के बारे में पूछा जो उन्होंने एक करोड़ घरों पर सौर पैनल लगाने के लिए एक दिन पहले शुरू की थी और इसकी विस्तृत जानकारी दी. गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दिनों से ही सौर ऊर्जा की क्षमता के प्रति उनका जुनून था. "प्रधानमंत्री यह भी चाहते हैं कि मकान मालिक पैसे कमाने के लिए अपनी छत पर लगे सौर पैनलों से अतिरिक्त ऊर्जा बेच सकें, ठीक उसी तरह जैसे मैं चाहती हूं कि किसान मेरे कृषि-वाहन का उपयोग करें."
Source : News Nation Bureau