गोधरा दंगा मामले में अमित शाह समेत 14 लोगों से पुछताछ के लिए गुजरात की पुर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी ने स्पेशल कोर्ट में गुहार लगाई है। दरअसल नरोदा पाटिया दंगा मामले में माया कोडनानी अपना पक्ष साबित करने के लिए इन सभी नेताओं का बयान दर्ज़ करवाना चाहती हैं।
कोडनानी ने इस मामले में पिछले महीने कोर्ट को आवेदन भेजा था। कोर्ट ने गुरुवार को कोडनानी के वकील अमित पटेल से कहा कि वो बताएं कि इन 14 लोगों को बुलाना क्यों ज़रुरी है। सोमवार को इस मामले में आगे की सुनवाई होगी।
बता दें कि आईपीसी की धारा 233(3) के तहत अमित शाह समेत 14 लोगों को कोर्ट के समक्ष हाज़िर होने के लिए आवेदन दिया गया है। कोर्ट के सवाल पर पटेल ने कहा कि वो सोमवार को इस मामले में अपना पक्ष रखेंगे।
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क्या था मामला
गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों के दौरान अहमदाबाद में स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। 28 फरवरी 2002 को हुए दंगे में 33 लोग घायल भी हुए थे। यह घटना 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जलाए जाने के एक दिन बाद हुई थी। विश्व हिन्दू परिषद ने 28 फरवरी, 2002 को बंद का आह्वान किया था। इसी दौरान नरोदा पटिया इलाके में उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया था।
अगस्त 2009 में शुरू हुआ मुकदमा
इस मामले में अगस्त 2009 में मुकदमा शुरू हुआ और 62 आरोपियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए। अदालत ने सुनवाई के दौरान 327 लोगों के बयान दर्ज किए। इनमें पत्रकार, पीड़ित, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी भी शामिल थे।
29 अगस्त को न्यायधीश ज्योत्सना याग्निक की अध्यक्षता वाली अदालत ने बीजेपी विधायक और नरेन्द्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को हत्या और षड़यंत्र रचने का दोषी पाया। इनके अलावा 32 और लोगों को भी दोषी करार दिया गया था।
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HIGHLIGHTS
- गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों के दौरान अहमदाबाद में स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
- 28 फरवरी 2002 को हुए दंगे में 33 लोग घायल भी हुए थे।
Source : News Nation Bureau