दिल्ली की अदालत में चल रहे सुनंदा पुष्कर आत्महत्या मामले को स्पेशल फास्ट-ट्रैक अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जिला अदालत मजिस्ट्रेट धर्मेद्र सिंह ने इस केस को एडीशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत को सौंप दिया है।
बता दें कि समर विशाल उन मामलों की विशेष रूप से सुनवाई करते हैं जो सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा था कि विधायकों और सांसदों से जुड़े मामलों की सुनवाई विशेष अदालतों में होनी चाहिए।
अब इस मामले की सुनवाई 28 मई को विशेष अदालत करेगी।
गौरतलब है कि सुनंदा पुष्कर आत्महत्या मामले में दिल्ली पुलिस ने 14 मई को थरूर को आत्महत्या के लिए उकसाने व पत्नी के साथ अमानवीय व्यवहार करने के लिए आरोपी बनाया था।
पुलिस ने आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 306 और 498ए के तहत थरूर को आरोपी बनाया है। इसके अंतर्गत अधिकतम 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान किया है।
आपको बता दें कि 17 जनवरी 2014 को साउथ दिल्ली के लीला होटल में सुनंदा पुष्कर की लाश मिली थी। इससे ठीक एक दिन पहले सुनंदा ने अपने पति पर पाकिस्तान की एक महिला पत्रकार के साथ प्रेम संबंध का आरोप लगाया था।
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Source : News Nation Bureau