अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार याचिका को लेकर AIMPLB और सुन्नी वक्फ बोर्ड आमने-सामने

एक तरफ एआईएमएलबी ने शीर्ष अदालत के फैसले में खामियां बताकर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही, तो दूसरी तरफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ऐसा करने से इंकार किया है.

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Nihar Saxena
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प्रतीकात्मक फोटो

सांकेतिक चित्र( Photo Credit : (फाइल फोटो))

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अयोध्या केस (Ayodhya Issue) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने के बाद भी राजनीति जारी है. रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दाखिल करने को लेकर बैठक हुई. इस बैठक के बाद भी मुस्लिम पक्ष में दो फाड़ साफ नजर आया. एक तरफ एआईएमएलबी ने शीर्ष अदालत के फैसले में खामियां बताकर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही, तो दूसरी तरफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ऐसा करने से इंकार किया है. बता दें कि इस मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ही मुस्लिमों की ओर से मुख्य पक्षकार था और अदालत ने उसे ही जमीन का आवंटन किया है.

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इकबाल अंसारी भी पुनर्विचार याचिका के खिलाफ
सुन्नी वक्फ बोर्ड से पहले मामले के एक और अहम पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) भी पुनर्विचार याचिका से इंकार कर चुके हैं. मुख्य पक्षकारों की ओर से ही इंकार किए जाने के बाद पुनर्विचार याचिका को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं. पर्सनल लॉ बोर्ड के अलावा अहम मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कही है.

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सुन्नी वक्फ बोर्ड अपने स्टैंड पर कायम
सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ने फैसले के दिन ही कहा था कि वह इसे स्वीकार करेंगे और अब अपील नहीं करेंगे. एक बार फिर अपनी राय से अवगत कराते हुए सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के स्टैंड पर सवाल उठाते हुए कहा कि अदालत के फैसले से पहले वह कहते थे कि वे कोर्ट के निर्णय को मानेंगे. उन्होंने कहा कि जब बोर्ड पहले कहता था कि वह अदालत के फैसले को स्वीकार करेगा तो फिर अब अपील क्यों की जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड अपनी ओर से रिव्यू पिटिशन दाखिल कर सकता है, लेकिन सुन्नी बोर्ड इससे इत्तेफाक नहीं रखता.

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26 को जमीन पर फैसला लेगा सुन्नी वक्फ बोर्ड
उन्होंने यह भी कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड की 26 नवंबर को होने वाली मीटिंग में 5 एकड़ जमीन को स्वीकार करने के प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा. इसके अलावा मामले के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा था, 'मेरी राय बोर्ड से अलग है और मैं चाहता हूं कि इस मुकाम पर अब मंदिर और मस्जिद का मसला खत्म होना चाहिए. अब रिव्यू का कोई मतलब नहीं है क्योंकि फैसला वही रहने वाला है. पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से सिर्फ माहौल बिगड़ेगा.'

HIGHLIGHTS

  • सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार याचिका के खिलाफ.
  • 26 नवंबर को तय करेगा कि मस्जिद के लिए जमीन लेनी है या नहीं.
  • पुनर्विचार याचिका पर एआईएमपीएलबी और सुन्नी वक्फ बोर्ड आमने-सामने.
Supreme Court Ayodhya Verdict AIMPLB Sunni waqf board Review petition on Ayodhya Verdict
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