सुप्रीम कोर्ट ने 13 साल की एक रेप पीड़िता को 32 हफ्ते की गर्भ को उसके मेडिकल रिपोर्ट को देखते हुए गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है।
चीफ जस्टिस ने अपने आदेश में कहा, 'याचिकाकर्ता (पीड़िता) की उम्र को ध्यान में रखते हुए और उसकी मानसिक क्षति को देखते हुए हम उसे गर्भपात कराने की इजाजत दे रहे हैं।'
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमित्व रॉय और जस्टिस ए एम खानविल्कर के संयुक्त बेंच ने मुंबई के जे जे हॉस्पिटल के डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा फाइल की गई मेडिकल रिपोर्ट को देखते हुए, लड़की को गर्भपात कराने को मंजूरी दे दी है।
केन्द्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने पीड़िता के मेडिकल रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ही एक और रेप पीड़िता पर दिए गए आदेश को रेफर किया, जिसका गर्भ काफी परिपक्व अवस्था में था।
सुप्रीम कोर्ट ने अस्पताल अधिकारियों को बताया है कि 8 सितम्बर को पीड़िता का गर्भपात किया जाए। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता को गर्भपात कराने के एक दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
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मुंबई की क्लास 7 की रेप पीड़िता ने कोर्ट से गर्भपात कराने की इजाजत मांगी थी। हालांकि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट (एमटीपी) की धारा 3(2)(बी) के तहत 20 हफ्ते से ज्यादा के गर्भ को गिराने पर रोक है।
इससे पहले 4 सितंबर को भी सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता की एक महिला को मेडिकल दिक्कतों के कारण उसके 25 हफ्ते के गर्भ को गिराने की इजाजत दी थी
गर्भपात की इजाज़त मांग रही 33 साल की इस महिला ने बताया था कि उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को गंभीर बीमारियां हैं, जिसके चलते उसके बचने की उम्मीद बेहद कम है। कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्टों के आधार पर उसे यह मंजूरी दे दी थी।
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HIGHLIGHTS
- मुंबई की क्लास 7 की रेप पीड़िता ने कोर्ट से गर्भपात कराने की इजाजत मांगी थी
- कोर्ट ने कहा है कि 8 सितम्बर को पीड़िता का गर्भपात किया जाएगा
Source : News Nation Bureau