उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने हाथरस जाते समय रास्ते में गिरफ्तार किए गए पत्रकार सिद्दीक कप्पन को अपनी बीमार मां से मिलने जाने के लिए सोमवार को पांच दिन की जमानत दे दी. पिछले साल उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras Case) में एक दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटना का मामला सामने आने के बाद वहां जा रहे कप्पन को गिरफ्तार किया गया था. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान कप्पन सोशल मीडिया समेत मीडिया को कोई साक्षात्कार नहीं देंगे. पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन भी थे.
कुछ शर्तों का करना होगा पालन
पीठ ने कहा कि कप्पन अपने परिजन और संबंधित डॉक्टरों के अलावा किसी भी व्यक्ति से नहीं मिलेंगे. सिद्दीक कप्पन के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस अधिकारियों की एक टीम भी जाएगी और केरल पुलिस उनके साथ सहयोग करेगी. कप्पन को पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था. हाथरस में एक दलित युवती से चार सवर्णों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. प्रशासन ने कथित रूप से अभिभावकों की सहमति के बिना ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी. पुलिस ने कहा था कि उसने चार लोगों को मथुरा में पीएफआई के साथ कथित जुड़ाव के आरोप में गिरफ्तार किया और चारों की पहचान केरल के मालप्पुरम के सिद्दीक कप्पन, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के अतीक-उर-रहमान, बहराइच के मसूद अहमद और रामपुर के आलम के तौर पर हुई है.
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सुप्रीम कोर्ट की शर्तें कप्पन के वकील ने मानी
सुप्रीम कोर्ट की ओर से दी गई इन शर्तों को उनके वकील कपिल सिब्बल ने स्वीकार किया है. अदालत में कप्पन का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा था कि उनकी मां की सेहत काफी खराब है. यहां तक वह अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर बोल भी नहीं सकती हैं. वह जिस जेल में बंद हैं, वहां की अथॉरिटी की ओर से वीडियो कॉल पर बात कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन उनकी मां बोल नहीं सकीं. हालांकि कोर्ट में यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेल की मांग का विरोध किया. उन्होंने कहा कि मां की सेहत की बात करके न्यायिक प्रक्रिया को बाधित किया जा रहा है.
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हाथरस जाते समय हुए थे गिरफ्तार
बीते साल अक्टूबर में हाथरस गैंगरेप केस की रिपोर्टिंग के लिए जाते वक्त यूपी पुलिस ने सिद्दीक कप्पन को अरेस्ट कर लिया था. सिद्दीक को अतिवादी संगठन पीएफआई से संबंधों के आरोप में अरेस्ट किया गया था. पुलिस का आरोप है कि उनके पास से शांति भंग करने वाले साहित्य की बरामदगी की गई है. यही नहीं यूपी पुलिस का कहना था कि कप्पन का पत्रकारिता से फिलहाल कोई ताल्लुक नहीं है और उनके आईडी कार्ड की वैलिडिटी काफी समय पहले ही समाप्त हो चुकी है.
HIGHLIGHTS
- बीमार मां से मिलने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
- पांच दिन के दौरान मीडिया से नहीं कर सकेंगे बात सिद्दीक
- हाथरस जाते वक्त गिरफ्तार किए गए थे पत्रकार कप्पन