सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अनुसूचित जाति और जनजाति के कर्मचारियों के प्रमोशन में आरक्षण देने की अनुमति दे दी है।
कोर्ट ने कहा है कि सरकार मौजूदा नियमों के अनुसार प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है जब तक कि इस संबंध में संवैधानिक बेंच कोई फैसला नहीं दे देती।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से एएसजी मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कमर्चारियों को प्रमोशन में आरक्षण देना सरकार की ज़िम्मेदारी है, अलग अलग हाई कोर्ट के फैसलों के चलते ये रुक गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में एम नागराज वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया मामले की सुनवाई के बाद फैसले में कई शर्तें रखी थीं। जिसमें कहा था कि राज्य और केन्द्र सरकार को प्रमोशन में रिजर्वेशन का फायदा पाने वाले कर्मचारियों के पिछड़ेपन और उसकी क्षमता की जांच करनी होगी।
इस फैसले में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 16(4)(A) ही जरूरत के मुताबिक एससी-एसटी के कर्मचारियों को आरक्षण देने के लिए राज्य को आरक्षण की आजादी देता है, लेकिन ये अनिवार्य नहीं है।
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Source : News Nation Bureau