सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को एक ऐसा वाक्या सामने आया जब जिरह के दौरान जजों ने पक्षकार से यह कह दिया कि यहां पर हिंदी नहीं चलती. दरअसल पक्षकार खुद ही जिरह कर रहा था. इस दौरान वह हिंदी में ही अपनी दलीलें पेश कर रहा था, इस पर जजों ने हुए कहा कि वह अंग्रेजी भाषा का उपयोग करे. जजों ने कहा कि हम नहीं समझ पा रहे हैं कि आप क्या कह रहे हैं. इसके बावजूद शख्स हिंदी में ही बात करता रहा. इस दौरान उसने कई सबूत भी पेश किए. इस पर जजों ने कहा कि कि हम हिंदी नहीं समझते हैं. दोनों जजों ने कहा कि हम नहीं समझ सकते आप क्या बोल रहे हैं. इस कोर्ट की भाषा अंग्रेजी है.
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इस बीच एक वकील अपनी बारी का इंतजार रहा था. वह शख्स के पास पहुंचा और उसकी दलीलों को अनुवाद कर जजों के सामने पेश किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान भी वहां पहुंचीं और हिंदी में अपना पक्ष रख रहे शख्स की मदद की. शख्स से थोड़ी देर बात करने बाद उन्होंने जजों को बताया कि उसे वकील चाहिए. इसके बाद अदालत ने एक वकील की ओर इशारा किया. वकील ने अनुवाद कर शख्स की दलीलों को कोर्ट के सामने पेश किया.
कोर्ट ने वकील से पूछा कि क्या आप इनकी मदद कर सकते हैं. इस पर वकील ने हामी भर दी. अदालत ने मामले की सुनवाई को 4 दिसंबर तक के लिए टाल दिया. अदालत ने कहा, इस समय सीमा तक वकील इस मामले को पूरी तरह से जान ले. कोर्ट ने वकील से कहा कि यह थोड़ा जटिल मामला है, ऐसे में आप अपना समय लीजिए और इसके बारे में पूरी स्टडी कीजिए. फिलहाल हम 4 दिसंबर तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित करते हैं.
Source : News Nation Bureau