NEET UG, PG Counselling : भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने NEET यूजी और पीजी में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है. ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए इस वर्ष 10 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा और संभावित निर्णय 3 मार्च, 2022 को अंतिम सुनवाई पर तय किया जाएगा. न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने आज सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 6 जनवरी को फैसला सुरक्षित रखने के बाद कहा कि NEET पीजी काउंसलिंग राष्ट्रीय हित में शुरू की जानी है. सुप्रीम कोर्ट की याचिका में केंद्र और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) की 29 जुलाई की अधिसूचना को ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस छात्रों को अखिल भारतीय कोटा मेडिकल सीटों में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने को चुनौती दी गई थी. शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार, श्याम दीवान और पी विल्सन की दलीलें सुनीं.
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दरअसल केंद्र सरकारकी ओर से 29 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा गया था कि मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाली नीट परीक्षा में ऑल इंडिया कोटा के तहत OBC को 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसके बाद केंद्र सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए SG तुषार मेहता की ओर से दलील दी गई कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 27 फीसदी OBC कोटा और 10 फीसदी EWS के लिए आरक्षण दिया जा रहा है. ये जनवरी 2019 से ही लागू है. यूपीएससी में भी ये कोटा दिया जा रहा है. ऐसे में जनरल कैटेगरी को सीटों की कोई हानि नहीं हुई है, बल्कि सीटों की संख्या तो 25 फीसदी बढ़ी है। उन्होंने ये भी कहा कि पीजी कोर्स में आरक्षण के लिए कोई मना नहीं है..
NEET PG काउंसलिंग 25 अक्टूबर से शुरू होने वाली थी, लेकिन शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप के कारण इसे अगली सूचना तक के लिए टाल दिया गया था. नीट पीजी काउंसलिंग में हो रही देरी का रेजिडेंट डॉक्टर लंबे समय से विरोध कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau