मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराने की बीजेपी की अर्जी पर सुनवाई करते सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि आप विधायकों के इस्तीफे पर फैसला क्यों नहीं ले रहे. स्वीकार करने की स्थिति में वो खुद ब खुद अयोग्य हो जायेंगे और अगर आप संतुष्ट नहीं हैं तो इस्तीफे खारिज कर सकते हैं. आपने 16 मार्च को बजट सत्र स्थगित कर दिया. अगर बजट ही नहीं पास होगा तो सरकार कैसे काम करेगी. अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार को होगी.
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सुप्रीम कोर्ट के सवाल उठाने के बाद सिंघवी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किये जाने की सूरत में विधायक खुद ब खुद अयोग्य हो जायेंगे. दूसरी तरफ कांग्रेस के बागी विधायकों की ओर से पेश हुए वकील मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सभी 22 विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वो अपनी मर्जी से इस्तीफा दे रहे है. उन्होंने बकायदा हलफनामा दाखिल किए है. हम सबूत के तौर पर कोर्ट में सीडी जमा करने के लिए तैयार है. उन्होंने कोर्ट से कहा कि जब हम भोपाल में आकर कांग्रेस से मिलना ही नहीं चाहते हैं तो हमें इसके लिए कैसे मजबूर नहीं किया जा सकता है.
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मनिंदर सिंह ने कहा कि इस्तीफा देना किसी विधायक का अधिकार है. हमने वैचारिक मतभेद के चलते इस्तीफे दिए हैं. क्या कोर्ट इस तह में जा सकता है कि हमने इस्तीफे क्यों दिए. सवाल ये है कि क्या इस्तीफे पर फैसले को लेकर स्पीकर सेलेक्टिव हो सकते हैं. क्या वो कह सकते हैं कि वो कुछ पर फैसला लेंगे और कुछ इस्तीफे पर नहीं लेंगे. मनिंदर सिंह ने कहा कि कोर्ट स्पीकर को निर्देश दे कि वो इस्तीफे को स्वीकार करें. ये सरकार बहुमत खो चुकी है. तुरंत फ्लोर टेस्ट होना चाहिए.
Source : Arvind Singh