सुप्रीम कोर्ट के बाबरी विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाडी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत बीजेपी के अन्य नेताओं पर षडयंत्र का आरोप तय करने के आदेश का कांग्रेस ने इस फैसले पर सहमति जताई है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट के बुधवार कोआए इस फैसले पर कांग्रेस ने बयान देने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय के इस फैसले पर सहमति जताई है। कांग्रेस ने कहा है कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कानून को अपना काम करना चाहिए और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी नैतिकता दिखानी चाहिए जिसकी वह हमेशा बात करते हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है। कानून को बिना किसी भय या पक्षपात के अपना काम करने देना चाहिए। न्याय होने दीजिए तथा दोषी को दंडित किया जाना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘दर्जा, जाति, पंथ, धर्म या क्षेत्र की परवाह किये बिना कानून का शासन सभी के लिए एक समान होता है।’
बाबरी विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, आडवाणी, जोशी उमा के खिलाफ चलेगा साजिश रचने का मुकदमा
हालांकि कांग्रेस पार्टी ने सीधे तौर पर कोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती का इस्तीफा नहीं मांगा लेकिन कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री को अपनी नैतिकता दिखानी चाहिए।
वहीं, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर बैठाने के कदम पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की अवमानना के आरोप में एक दिन की जेल की सजा काट चुके व्यक्ति को इस पद पर लाने का निर्णय क्यों लिया गया?
वहीं, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा कि नैतिकता की बात करने वाले मोदी इस बार इसे नहीं भूलेंगे और उनके मंत्री नैतिकता के उच्च मानदंडों का पालन करेंगे।
बाबरी विध्वंस मामला: क्या आडवाणी, जोशी हो सकते हैं राष्ट्रपति की रेस से बाहर?
गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी के शीर्ष नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी सरीखे नेताओं पर साज़िश रचने के मामले में आपराधिक साजिश बहाल करने के सीबीआई के अनुरोध को स्वीकृति दे दी है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इन नेताओं एवं कारसेवकों के खिलाफ दिन प्रति दिन सुनवाई होने की बात कही और साथ ही मुकदमे को दो साल में पूरा करने का भी फैसला लिया है।
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Source : News Nation Bureau