चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Poll) में कथित धांधली पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है. सर्वोच्च आदालत का कहना है कि, चंडीगढ़ मेयर चुनाव में चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. बता दें कि आज हुई सुनवाई में मसीह ने कबूल किया है कि, उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था. साथ ही उन्होंने वजह बताई कि, आम आदमी पार्टी के मेयर प्रत्याशी ने आ कर बैलेट पेपर ले कर फाड़ा और भागे थे. इसलिए उन्होंने ऐसा किया.
मालूम हो कि, बीते कई हफ्तों से चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव को लेकर BJP और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है. इसे लेकर AAP ने मेयर चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी सामने आई है.
गौरतलब है कि, फरवरी माह की शुरुआत में भी सर्वोच्च आदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए इसपर कड़ी निराशा व्यक्त की थी. SC ने इस दौरान कहा था कि, चुनाव अधिकारी ने बैलेट पेपर्स में गड़बड़ी की है ये साफ है. साथ ही सवाल किया कि, क्या इस तरह से चुनाव कराए जाते हैं? SC ने इसे लोकतंत्र का मजाक करार दिया. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है.
आखिर क्या था मामला
बता दें कि, चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपार्टी ने जीत हासिल की थी और सभी तीन पदों पर अपना कब्जा बरकरार रखा था. इस चुनावी नतीजे से कांग्रेस-AAP नाखुश थे, उन्होंने इसे मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करार दिया. साथ ही एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी.
मामले में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कथित तौर पर मतपत्रों को खराब करने वाला वीडियो भी देखा, साथ ही कहा कि चुनाव अधिकारी के व्यवहार से वह हैरान है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव अधिकारी स्पष्ट रूप से मतपत्रों को विकृत कर रहे थे. तब से अब तक पंजाब में राजनीतिक गुटों के बीच सियासी घमासान सुर्खियों में है.
Source : News Nation Bureau