एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक की सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि हस्तक्षेप करने के लिए यह बहुत शुरूआती अवस्था है. हम इस स्तर पर प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकते. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने नवाब मलिक के वकील को सक्षम अदालत का रुख करने की भी सलाह दी है. गौरतलब है कि ईडी ने गुरुवार को ही भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से संबद्ध कथित मनी लांड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल की है. नवाब मलिक इसी मामले में 23 फरवरी से न्यायिक हिरासत में हैं.
5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल
ईडी के वकीलों ने गुरुवार को ही अदालत की रजिस्ट्री में 5,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. उन्होंने बताया कि धन शोधन रोकथाम कानून के मामलों की विशेष अदालत दस्तावेजों केवेरिफिकेशन के बाद आरोपपत्र पर संज्ञान लेगी. ईडी का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से दाऊद इब्राहिम और उसके सहायकों के खिलाफ हाल में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज एक एफआईआर पर आधारित है. इससे पहले मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की न्यायिक हिरासत सोमवार को 22 अप्रैल तक बढ़ा दी थी.
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ईडी ने अस्थायी रूप से कुर्क की संपत्ति
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक ने अदालत को अपने खराब स्वास्थ्य के बारे में बताया है. मलिक को मनी लांड्रिंग से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए नामित विशेष न्यायाधीश आरएन रोकाडे के समक्ष पेश किया गया था राकांपा नेता ने अदालत में बताया था कि वह गुर्दे की बीमारी के कारण अस्वस्थ हैं और उनके पैरों में सूजन है. एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की पांच संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया था. इनमें विशाल गोवावाला कंपाउंड, एक वाणिज्यिक इकाई और कुर्ला उपनगर में 3 फ्लैट्स, बांद्रा पश्चिम में दो आवासीय फ्लैट, और उस्मानाबाद जिले में 148 एकड़ कृषि भूमि शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी जमानत याचिका
- साथ ही कहा सक्षम अदालत का रुख करें
- कल ही दाखिल हुई 5 हजार पन्नों की चार्जशीट