Supreme Court declines urgent hearing on Joshimath subsidence : जोशीमठ में तबाही का डर हर तरफ है. प्रशासन खतरे में पड़े भवनों को गिराने की कार्रवाई कर रहा है. इलाके को खाली भी कराया जा रहा है. लोगों को अस्थाई स्थानों पर सुरक्षा कारणों से भेजा जा रहा है. प्रदर्शन हो रहे हैं. जोशी मठ में नेता पहुंच रहे हैं, तो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई 16 जनवरी को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट तुरंत नहीं कर सकती.
जोशीमठ में हलचल तेज
इस बीच, आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जोशीमठ में दो होटलों को गिराने की कार्रवाई जारी है. ये होटल 6 मंजिला हैं. और एक-दूसरे की तरफ झुक गए हैं. ये होटल खतरनाक घोषित किये जा चुके हैं. इस बीच, पूरे इलाके में एसडीआरएफ की तैनाती कर दी गई है. जिन होटलों को हिराया जाना है, उनके नाम होटल मलारी इन और होटल माउंट व्यू है. ये दोनों होटल एक-दूसरे के काफी करीब आ चुके हैं. इन्हें चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा. एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने भी इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा जा रहा है. इन दोनों होटलों को इसलिए भी गिराया जाना जरूरी है कि ये होटल आपस में और करीब आ गए, तो काफी बड़ा हादसा हो सकता है. इनके आसपास रिहायशी इलाके हैं. ऐसे में पहले इनके ऊपरी हिस्से को गिराया जाएगा. फिर धीरे-धीरे निचले हिस्सों को अलग किया जाएगा.
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अब तक 700 मकानों की हुई पहचान
इस बीच, अब तक जोशीमठ में करीब 700 मकानों को खतरनाक स्थिति में चिन्हित किया गया है. ये वो मकान हैं, जिनमें दरारें आ चुकी हैं. थोड़ी सी भी हलचल पर ये मकान भरभराकर गिर सकते हैं. इसके साथ ही प्रशासन ने लोगों को वहां से निकालना शुरू कर दिया है. हालांकि करीब 100 परिवारों को ही विस्थापित किया जा सका है.
HIGHLIGHTS
- जोशी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने की थी सुनवाई की अपील
- दो 6 मंजिला होटलों को गिराने की कार्रवाई जारी