सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली याचिका पर सुनवाई जनवरी के तीसरे हफ्ते तक के लिए टाल दिया है. याचिका कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने दाखिल की है. याचिका में 2002 के गुजरात दंगे में एसआईटी (SIT) द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य राजनीतिज्ञों व अधिकारियों को क्लीनचिट दिए जाने को चुनौती दी गई है.
एसआईटी ने फरवरी 2012 में अपनी रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी समेत 59 लोगों को क्लीनचिट देते हुए कहा था कि उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने योग्य कोई साक्ष्य नहीं हैं. इसके साथ ही निचली अदालत ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी. बाद में गुजरात हाई कोर्ट ने भी इस क्लीन चिट को बरकरार रखा था.
इसके खिलाफ ज़किया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी.
गौरतलब है कि 28 फरवरी 2002 को दंगों के दौरान अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में एक भीड़ के द्वारा एहसान जाफरी सहित कुल 68 लोग मारे गए थे.
दिसम्बर 2013 में एक महानगरीय अदालत ने जाफरी की नरेंद्र मोदी और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद वह 2014 में गुजरात हाई कोर्ट में गई थीं. लेकिन पूरी सुनवाई के बाद पिछले साल 5 अक्टूबर को गुजरात हाई कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी हालांकि हाई कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ऊपरी अदालत में अपील कर सकते हैं.
Supreme Court adjourns till January third week the plea filed by Zakia Jafri, widow of former Congress MP Ehsan Jafri, challenging clean chit given by the Special Investigation Team (SIT) to PM Narendra Modi, other top politicians and bureaucrats in the 2002 Gujarat riots. pic.twitter.com/MHJJnJX70a
— ANI (@ANI) December 3, 2018
गुजरात में 2002-2006 में हुए पुलिस मुठभेड़ की जांच पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 1 हफ्ते के लिए टल गई है. पत्रकार बीजी वर्गीज़ और गीतकार जावेद अख्तर ने कोर्ट में याचिका दायर की है. इससे पहले रिटायर्ड जस्टिस एचएस बेदी ने एसटीएफ के 16 मामलों की समीक्षा कर रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी थी. अब याचिकाकर्ता ने रिपोर्ट की कॉपी की मांग की है. कोर्ट ने इस मांग पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है.