सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ़ दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी है। यह याचिका सोनिया गांधी की नागरिकता और मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए कथित रूप से सांप्रदायिक कार्ड खेलने के मामले में की गई थी।
दरअसल 2014 में सोनिया गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रही थी। इस दौरान वह जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी से निली थीं। भेंट के बाद बुखारी ने कहा था कि मुस्लिमों को वोट के आधार पर बांटना ठीक नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने इसी बात को आधार बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का तर्क है कि बुखारी की बात को मीडिया में स्थान दिया गया और फिर चुनाव पर इसका असर हुआ जो कानून का उल्लघंन है।
न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 7 न्यायाधीशों वाली संवैधानिक पीठ इसी प्रकार के मामले पर पहले ही सुनवाई कर रही है और इसीलिए इस मामले पर इस समय कोई रुख अपनाना उचित नहीं होगा।
पीठ ने कहा कि 7 न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ इसी प्रकार के मामले पर सुनवाई कर रही है। इस मामले पर निर्णय होने दीजिए। इसके बाद हम इस मामले पर सुनवाई कर सकते हैं। हम कोई आदेश नहीं दे रहे। यदि हम इस मामले में कोई रुख अपनाएंगे तो यह उचित नहीं होगा क्योंकि एक बड़ी पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।
रमेश सिंह द्वारा दायर चुनाव याचिका में ये भी कहा गया था कि सोनिया गांधी के पास दोहरी नागरिकता है। वे जन्म से इतालवी नागरिक हैं और इटली का कानून दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है।
इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 11 जुलाई को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत दर्ज याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया था और कहा था कि चुनावी याचिका में तथ्यों को अभाव है।
Source : News Nation Bureau