सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट की कीमत पूरे देश में एक समान करने की मांग पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टली दी. दरअसल, याचिकाकर्ता का कहना है कि इस टेस्ट की कीमत लगभग 400 रुपए होनी चाहिए, लेकिन अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कीमत वसूली जा रही है, जो कि 900 से लेकर 3200 रुपए तक है.
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याचिकाकर्ता ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि फार्मा कंपनी वॉकहारड्ट ने उन्हें आरटीपीसीआर टेस्ट किट की कीमत 199 रुपए बताई है. उसमें भी कंपनी ने थोक में खरीदारी पर 25 रुपए की रियायत का प्रस्ताव दिया है. याचिकाकर्ता की दलील थी कि किट के अलावा इस्तेमाल होने वाली मशीनें लैब में पहले से होती हैं. ऐसे में टेस्ट की कीमत 900 रुपए से लेकर 3200 रुपए तक होना सरासर लूट है.
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बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से जनता चारदीवारी में बंद होकर रह गई. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के वजह से भारी संख्या में लोग रोजगार से दूर हो गए. वहीं, इस दौरान टेस्ट कराने को लेकर भी पापड़ बेलने पड़े. हालांकि, एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था सरकारों द्वारा फ्री में कर दी गई, लेकिन हर व्यक्ति आरटी-पीसीआर टेस्ट नहीं करा पा रहा था. इसके पीछे टेस्ट की भारी कीमत सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है.
Source : News Nation Bureau