सर्वोच्च न्यायालय ने शराबबंदी को लेकर एक नया ऐलान किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा हैं कि देश भर में नेशनल और स्टेट हाईवे पर 500 मीटर के दायरे में कोई शराब की दुकान नही होगी।
चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि सभी हाइवे पर चल रही शराब की दुकानों को बंद किया जाए। यानि अब से हाइवे पर शराब की बिक्री बंद हो जायेगी।
#FLASH: Supreme court bench headed by Chief Justice of India TS Thakur directs to ban liquor on all State Highways
— ANI (@ANI_news) December 15, 2016
हालांकि फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट ने उन दुकानदारों को राहत भी दी है जिनके पास लाइसेंस की अवधि बची हुई है। लेकिन जैसे ही उनकी लाइसेंस की अवधि ख़त्म होगी उन्हें भी दुकान बंद करनी होगी। जो शराब की दुकाने फ़िलहाल चालू हैं, उन्हें अगले साल 1 अप्रैल तक बंद करना होगा।
हाईवे के नजदीक शराब की दुकानों का कोई भी नया लाइसेंस जारी नही होगा, साथ ही मौजूदा लाइसेंस का नवीनकरण भी नहीं किया जायेगा। इसके अलावा राजमार्ग के किनारे लगे शराब के सारे विज्ञापन और साइन बोर्ड अब हटा दिये जायेंगे।
Supreme court, however, said that they can operate till period they were having their licenses. No renewal of their licenses would be made.
— ANI (@ANI_news) December 15, 2016
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि सभी राज्य मार्गों और राष्ट्रीय राज्य मार्गों पर शराब की बिक्री अविलम्ब बंद की जाए।
The apex court in its order said all the licenses of liquor shops in and around the National Highways in all the states would be closed.
— ANI (@ANI_news) December 15, 2016
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी से कहा हैं कि वो एक्साइज और म्युनिसिपल ऑथोरिटी से बातचीत कर ये सुनिश्चित करे कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडू और पुदुच्चेरी से जुडी थीं।
हाइवे के नजदीक शराब की दुकान हटाने के हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ, राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले का असर पूरे देश पर पड़ेगा।
सुनवाई के दौरान अदालत में सड़क सुरक्षा से जुड़े एक एनजीओ ने हाईवे पर होने वाली सड़क दुर्घटना का मसला उठाया गया था। एनजीओ की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि हाई वे के पास दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना है।
केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट भी इस बात की तस्दीक करती है। रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 में देश भर में कुल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई है, जिसमें 1 लाख 46 हज़ार लोगों ने जान गंवाई।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगस्त महीने में केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया था। 7 दिसम्बर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 21 के मुताबिक हर नागरिक को मिला जीवन का अधिकार बेहद अहम है। राज्यों को इसका सम्मान करते हुए अपनी आबकारी नीति में बदलाव करना होगा।
ज़ाहिर है सभी तरह के हाईवे पर हाल के दिनों में दुर्घटना काफी बढ़ी है और ज़्यादातर मामले में दुर्घटना की वजह शराब होती है। ख़ासकर सर्दी के दिनों में इस तरह की घटनाएं और भी बढ़ जाती है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद से आने वाले दिनों में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी।
HIGHLIGHTS
- सड़क सुरक्षा से जुड़े एक एनजीओ ने हाईवे पर होने वाली सड़क दुर्घटना का मसला उठाया गया था।
- रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 में देश भर में कुल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई।
Source : Arvind Singh