सुप्रीम कोर्ट ने 2003 मार्च में गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या के आरोपियों का दोष बरकरार रखते हुए उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया. जस्टिस अरुण मिश्रा और विनीत सरन की खंडपीठ ने पुनर्विचार याचिका को गुरुवार को खारिज करते हुए दोषी करार देने का फैसला बरकरार रखा. गौरतलब है कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट का आरोपियों को रिहा किए जाने का फैसला पलटते हुए दोषी करार दिया था. इसके साथ ही 12 में से 9 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इसके खिलाफ ही 9 दोषियों ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी.
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सुप्रीम कोर्ट वे पुनर्विचार याचिका खारिज कर यह की टिप्पणी
गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पांड्या की हत्या के अरापो में गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें मामूली सजा सुनाई थी. हालांकि तीन आरोपी विभिन्न धाराओं में 2007 में पोटा अदालत द्वारा आए फैसले के तहत अलग-अलग जेलों में सजा काट रहे हैं. बेंच ने अपने फैसले में कहा, 'हमने पुनर्विचार याचिकाओं को देखा और हम मानते हैं कि जिस आदेश की समीक्षा की अपील की गई थी, उसमें किसी तरह की गलती नहीं है जिसके लिए पुनर्विचार किया जाए. इसलिए पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है.'
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गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए की गई थी हरेन पांड्या की हत्या
बता दें कि 26 मार्च, 2003 को अहमदाबाद में पांड्या की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सीबीआई के अनुसार, 2002 के गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए पांड्या की हत्या की गई थी. इसी साल जुलाई में निचली कोर्ट के फैसले को बहाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 12 लोगों को दोषी करार दिया था. निचली अदालत ने आरोपियों को 5 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुनाई थी. मामले में असगर अली, मोहम्मद रऊफ, मोहम्मद परवेज अब्दुल कयूम शेख, परवेज खान पठान उर्फ अतहर परवेज, मोहम्मद फारूक उर्फ हाजी फारूक, शाहनवाज गांधी, कलीम अहमदा उर्फ कलीमुल्लाह, रेहान पुथवाला, मोहम्मद रियाज सरेसवाला, अनीज माचिसवाला, मोहम्मद यूनुस सरेसवाला और मोहम्मद सैफुद्दीन को दोषी करार दिया गया है.
HIGHLIGHTS
- गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पांड्या के हत्यारोपियों की सजा बरकरार.
- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज की दोषियों की पुनर्विचार य़ाचिका.
- गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए 2003 में की गई थी हत्या.