सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के चलते बंद सिंघु बॉर्डर को खोलने की मांग पर सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओ से अपनी बात पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट में रखने को कहा है. सड़क बन्द होने के चलते आवागमन में हो रही दिक्कतों का हवाला देकर दायर सोनीपत के दो लोगों ने याचिका दायर की थी. जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट स्थानीय स्थिति को समझते हुए सुनवाई करने में समर्थ है. हाईकोर्ट ये देखेगा कि कैसे प्रदर्शन के अधिकार और आवागमन के अधिकार में संतुलन कायम किया जाए. हमारे दखल की ज़रूरत नहीं. कोर्ट के रुख को देखते हुए अर्जी वापस ले ली गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि आप इस मामले में और पब्लिसिटी जोड़ने क्यों आए हैं. कोर्ट ने वकील से कहा कि स्थानीय नागरिकों, बीमार, जरूरतमंदों को हो रही दिक्कत पर उच्च न्यायालय के पास जाएं. हाईकोर्ट ऐसे मामलों को पहले सुनने और विधि अनुसार निपटाने के लिए काफी सक्षम हैं. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि हम शांतिपूर्वक धरने के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन सिंघू बॉर्डर पर हाईवे के दोनों तरफ की सड़क बंद है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच हरियाणा के सोनीपत के लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में लोगों ने दिल्ली हरियाणा सिंघू बॉर्डर पर किसानों के धरने के कारण सड़क के बंद होने का मुद्दा उठाया है. याचिका में कहा गया है कि कई महीनों से हाईवे बंद होने से लोगों को खासी परेशानी हो रही है.
गौरतलब है कि किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर नवंबर 2020 से ही दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं. इसमें सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर औऱ गाजीपुर बॉर्डर शामिल हैं.
Source : Arvind Singh