निर्भया के दोषी मुकेश (nirbhaya culprit) की अर्जी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दी है. मुकेश ने फिर से क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने की इजाज़त मांगी थी. मुकेश और बाकी तीनों दोषियों के सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्प खत्म हो चुके है. निचली अदालत ने चारों की फांसी के लिए 20 मार्च की तारीख तय की है.
बता दें कि फांसी की सजा टालने के लिए निर्भया के दोषी नए-नए पैतरे आजमा रहे हैं. मुकेश के वकील ने सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने की इजाजत मांगी थी.
मुकेश के वकील की ओर से दायर अर्जी में कहा गया है कि निर्भया के दोषी मुकेश को हाई कोर्ट के आदेश के सात दिनों के भीतर क्यूरेटिव पिटीशन (Curative Petition) और दया याचिका पर गलत जानकारी देकर दबाव में हस्ताक्षर कराए गए. ऐसे में मुकेश को नए सिरे से क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका (Mercy Plea) दायर करने की अनुमति दी जाए. वकील का कहना है कि इसके लिए तीन साल का समय दिया जाता है. जिसे आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
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निर्भया के पवन ने जेल में पिटाई की कही थी बात
इसके पहले गुरुवार को फांसी की सजा टालने के लिए निर्भया के एक और दोषी पवन की मंडावली जेल में पिटाई के मामले में दोषी पुलिसवालों पर एफआईआर की मांग वाली अर्जी पर कड़कड़डूमा अदालत ने 8 अप्रैल तक तिहाड़ जेल प्रशासन से कार्यवाही रिपोर्ट तलब की है. हालांकि अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस आदेश का असर निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा पर कतई नहीं पड़ेगा. पवन ने अपनी अर्जी में कहा था कि दो पुलिस कर्मियों ने उसे बुरी तरह से मारा था, जिससे उसके सिर में टांके आए थे.
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निर्भया के गुहनगारों के परिवारवालों ने इच्छामृत्यु की मांग की
वहीं अपने दोषी बच्चों को फांसी से बचाने के लिए चारों दोषियों के परिवारवालों ने इच्छा मृत्यु की मांग की. निर्भया केस के चारों दोषियों के परिवार ने राष्ट्रपति से अपने लिए इच्छा मृत्यु की इजाज़त मांगी है. 13 लोगों ने खत लिखकर इच्चा मृत्यु की मांग की है. दोषी मुकेश के परिवार में दो लोग, दोषी पवन और विनय के परिवार में चार-चार और अक्षय के परिवार के 3 सदस्यों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है.