आसाराम बापू (Asaram Bapu) को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने आसाराम की याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें उत्तराखंड (Uttarakhand) के एक आयुर्वेद केंद्र में चिकित्सा उपचार के लिए उनकी सजा को अस्थायी रूप से निलंबित करने की मांग की गई थी. बता दें कि आसाराम ने आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment) के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत कोर्ट से मांगी है. बता दें कि नाबालिग लड़कियों के साथ रेप और यौन शोषण के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहे आसाराम बापू को कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को अस्थायी रूप से निलंबित करने की याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें कि 2018 में जोधपुर की अदालत ने आसाराम को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इस सजा के बाद आसाराम अपनी स्वभाविक मृत्यु तक जेल में ही रहेंगे. अदालत ने इस मामले में आसाराम आश्रम की वार्डन शिल्पी और उनके सहयोगी शरद को भी 20-20 साल कैद की सजा सुनाई थी.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक किशोरी द्वारा दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने के बाद 2013 में आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. किशोरी ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के बाहरी इलाके के मनई गांव स्थित अपने आश्रम में 15 अगस्त, 2013 को उसके साथ दुष्कर्म किया था. पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम आश्रम में 12वीं कक्षा की छात्रा थी.
बता दें कि इसके अलावा आसाराम गुजरात में दायर यौन उत्पीड़न के एक अन्य मामले का भी सामना कर रहे हैं. आसाराम और उसके बेटे नारायण साई पर गुजरात के सूरत में दो बहनों के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है. बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 और 2006 में अहमदाबाद स्थित मोटेरा आश्रम में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया जबकि छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साई पर यही आरोप लगाए थे.
HIGHLIGHTS
आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
सजा को अस्थायी रूप से निलंबित करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज