निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दोषी मुकेश सिंह की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के आदेश को चुनौती दी गई थी. मुकेश ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वारदात के वक्त वह दिल्ली में नहीं था. कोर्ट ने कहा- दोषी को सारे मौके मिले. निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, रिव्यू से लेकर क्यूरेटिव तक, उसके बाद मर्सी भी. वो भी खारिज हो गई. एमएल शर्मा ने ऐतराज जताते हुए कहा, तब मैं वकील नही था. जब रिव्यु, मर्सी दाखिल हुए. इस पर कोर्ट ने कहा- बीच में मत बोलिए. आपको सारे मौके दिए गए. इसके बाद मुकेश की अर्जी खारिज कर दी गई. बता दें कि सभी चार दोषियों को कल सुबह 5:30 बजे 5 मार्च के डेथ वारंट के अनुसार फांसी दी जानी है.
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इससे पहले गुरुवार को ही निर्भया गैंगरेप केस में दोषी पवन की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई थी. मतलब अब 20 मार्च को चारों दोषियों को फांसी होकर रहेगी. दोषी पवन ने नाबालिग होने का दावा किया था और सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी. इसे आज यानी गुरुवार को कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इससे पहले निर्भया के दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर कहा था कि जब उसने यह अपराध किया था, उस वक्त वह नाबालिग था.
इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश की ओर से मृत्युदंड पर रोक लगाने को लेकर दायर याचिका को रद कर दिया था. मुकेश ने फांसी को रद्द करने की मांग की थी. निर्भया केस के चार दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है. दोषी मुकेश ने अपनी याचिका में कहा कि 16 दिसंबर, 2012 को हुए इस अपराध के दौरान वह शहर में मौजूद नहीं था. उसने अपने बचाव में दावा किया है कि घटना के एक दिन बाद 17 दिसंबर, 2012 को उसे राजस्थान से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया.
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जेल सूत्र बता रहे हैं कि निर्भया के चारों दोषियों का व्यवहार फिलहाल तो सामान्य है, लेकिन वह सो नहीं पा रहे. रात करीब 2:00 बजे तक चारों को सीसीटीवी सर्विलांस से करवटें बदलते देखा गया. उसके बाद सो गए थे. फिर सुबह 5:00 बजे चारों जागकर टहलकदमी करते नजर आए. सभी को अलग-अलग वार्ड में बिल्कुल अकेला रखा गया है. जहां 24 घंटे क्लोज सीसीटीवी सर्विलांस रखा जा रहा है.
मुकेश और विनय को वार्ड नंबर आठ में रखा गया है. अक्षय वार्ड नंबर 7 में है. पवन को हाई सिक्योरिटी वार्ड नंबर 1 में रखा गया है. इन चारों में पवन सबसे ज्यादा बदमाश है. वह पहले भी जेल प्रशासन को परेशान करने वाली हरकतें कर चुका है. पांच-पांच सुरक्षाकर्मी चारों के साथ लगाए गए हैं. दोषी खुद को या किसी को नुकसान ना पहुंचाएं, इसके लिए यह सुरक्षाकर्मी हर पल सजग रहते हैं. यह सुरक्षाकर्मी आधे मीटर की दूरी पर हमेशा उनके साथ रहते हैं.
Source : News Nation Bureau