सुप्रीम कोर्ट ने उरी और पुलवामा आतंकी हमले में कथित प्रशासनिक चूक की न्यायिक जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिका (पीआईएल) खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत ढांडा ने याचिका में सुरक्षा चूक और स्थानीय लोगों की भूमिका जैसे पहलुओं की जांच की मांग की थी और साथ ही हुर्रियत नेताओं पर सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की थी.
इस याचिका में 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के पीछे कथित बड़ी साजिश की जांच की मांग की गई थी.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस खन्ना की बेंच वकील विनीत ढांडा की यह खारिज कर दी. याचिका में कहा गया था कि आतंकी हमले में करीब 370 किलोग्राम आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ था और इसमें जांच की जरूरत है.
याचिका में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी गई थी. याचिका में कोर्ट को अलगाववादियों के बैंक खातों को फ्रीज करने और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी.
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के 40 जवान शहीद हुए थे. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. विस्फोटक से लदे वाहन से आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ जवानों की काफिले में एक बस को टक्कर मारकर इस हमले को अंजाम दिया था.
Source : News Nation Bureau